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गणशे चतुर्थी पर जिलेभर में गणेश मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही गणपति की आराधना के लिए लोग आस्था स्थल पहुंचने शुरू हो गए। दोपहर में आरती में श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं गली-मोहल्लों में गणपति की स्थापना के साथ ही दस दिवसीय महोत्सव भी शुरू हो गए। अब यहां विभिन्न प्रतियोगिताएं और धार्मिक आयोजनों की धूम रहेगी। रातानाडा गणेश मंदिर में पुजारी मोफतलाल दवे के सानिध्य में दोपहर में महाआरती की गई। इस दौरान जनप्रतिनिधि भी शरीक हुए। मंदिर में दर्शन के लिए कतारें लगी रही।
बाड़मेर शहर में करीब सभी गली-मोहल्लों में गणपति की स्थापना हुई है। सुबह से लोग गणपति को स्थापना के लिए लेकर आ रहे थे। दोपहर में शुभ मुहूर्त के दौरान पंडितों के सानिध्य में गणपति स्थापना की गई। एक अनुमान के अनुसार बाड़मेर शहर में करीब 250 से अधिक स्थानों पर गणपति पांडाल सजाए गए हैं।
दो साल बाद पूरी धूमधाम
पिछले दो सालों में कोविड के कारण नियम लागू रहे। इस बार धूमधाम से गणपति महोत्सव के आयोजन को लेकर युवाओं और बच्चों में बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है। शहर में जहां पर गणपति पांडाल सजे हैं, वहां बच्चे खूब नजर आ रहे है।
स्टेशन के पास 15 फीट की प्रतिमा स्थापित
शहर के रेलवे स्टेशन के पास 15 फीट की गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा कोविड काल के दौरान बाड़मेर में बनाई गई थी। लेकिन उस वक्त कोविड के नियमों के कारण महोत्सव की धूम नहीं रही थी। ऐसे में बुधवार को रेलवे स्टेशन के पास 15 फीट की गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हुए यहां पर अगले दस दिनों तक महोत्सव मनाया जाएगा।
इस बार बड़ी मूर्तियों पर रही पाबंदी
प्रशासन की मनाही के चलते यहां कॉलेज रोड पर मूर्तियां बनाने वाले परिवार मायूस हुए है। मूर्तिकारों के पास गणेश महोत्सव के लिए कई लोग बड़ी मूर्तियां बनाने के ऑर्डर लेकर पहुंचे थे। लेकिन प्रशासन की ओर से पाबंदी के कारण बड़ी मूर्तियां नहीं बनाई गई। मूर्तिकारों का कहना है कि प्रशासन के अधिकारी बता रहे हैं कि बड़ी मूर्तियों का विसर्जन करने में काफी परेशानी होती है। इसके कारण छोटी मूर्तियां ही बनाई जाए। इसके चलते बड़ी मूर्तियां इस बार नहीं बनाई गई।

Source: Barmer News

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