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बालोतरा । दुनियां में धर्म, जाति,रंग व रूप से परे दोस्ती का संबंध सबसे अलग होता है। दोस्ती को लेकर आज भी कई मिशालें दी जाती है। इस पर आज भी हरेक को दोस्ती के इस संबंध पर नाज है। गरीब से अमीर कोई भी हो, जब किसी अजनबी को अपने मित्र से मुलाकात करवाता है और कहता है कि यह मेरा दोस्त है ।

जांगू पर क्षेत्र के लोग महसूस करते हैं गर्व:
राजस्थान के बाड़मेर जिले के गांव खारापार के वगताराम जांगू ने दोस्ती के संबंध को निभाते हुए कुछ ऐसा किया कि क्षेत्र के लोग उस पर गर्व महसूस करते हैं। एक ही गांव खारापार के वगताराम जांगू व सिरदराम भील के बीच बचपन की दोस्ती थी। दोनों ही दोस्त सुख-दु:ख में एक दूसरे का हाथ बंटाते। लेकिन करीब सात वर्ष पहले आगजनी की घटना ने वगताराम से उससे उसके दोस्त को छीन लिया। इस पर पर बड़ी परेशानी, संकट में घिर गया।

धूमधाम से शादी की, नहीं खलने दी पिता की कमी:
दोस्त के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटने पर उसने दोस्ती का धर्म निभाते हुए उसके परिवार को सम्बल दिया। आर्थिक सहयोग के साथ-साथ आशियाना बनाकर दिया। उसके बच्चों को गोद लेकर अभिभावक के रूप में उनका पालन पोषण का जिम्मा उठाया। उन्हें पढ़ाया लिखाया। सरदाराम की बेटी को शादी में पिता की कमी नहीं खले इसे लेकर वगताराम जांगू ने पिता का फर्ज अदा करते हुए उसकी धूमधाम से शादी की। शनिवार को दोस्त की बेटी रानी को खुशी-खुशी उसके ससुराल खारडी रवाना किया। इस पर मौजूद लोगाें ने इसकी खूब सराहना की। वगताराम जांगू ने बताया कि उसने कुछ बड़ा नहीं किया। केवल दोस्ती का फर्ज निभाया है। इससे उसे खुशी है।

Source: Barmer News

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