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जोधपुर. फिटनेस……कहते हैं कि चाहे इंसान हो या वाहन।जब तक उनकी फिटनेस सही रहती है, तभी तक वो सही तरीके से काम कर पाते हैं। शरीर साथ नहीं देने पर इंसान तो अपनी फिटनेस सही कर लेता है।
बात करें वाहन की तो ताज्जुब होता है कि शहर की सड़कों पर बेहिसाब धुंआ और कर्कश आवाज के साथ लोगों के स्वास्थ्य और सफर के साथ खिलवाड़ करने वाली सिटी बसों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाज़ा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

जोधपुर संभाग मुख्यालय है और ऊपर से पुलिस कमिश्नरेट अलग से। लेकिन सिटीबसों की खस्ताहालत देखकर लगता है कि यहां पर पुलिस और परिवहन विभाग के महकमे ना होकर किसी गांव में सफर कर रहे हैं और कार्रवाई करने वाला कोई नहीं। यही कारण है कि बिना फिटनेस की सिटी बसें शहर की सड़कों पर दौड़ रही है और जिम्मेदार सिर्फ अपनी सहूलियत के हिसाब से ही कार्रवाई करते हैं।
ठोस कार्रवाई नहीं
शहर में अनियंत्रित व तेज गति से दौड़ रही सिटी बसों को लेकर प्रादेशिक परिवहन विभाग की ओर से ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। सिटी बसों को तेज गति से दौड़ाने के अलावा कई ऐसी खामियां भी है। हकीकत यह है कि कई सिटी बसों में फिटनेस के अलावा अधिकांश सिटी बसों में कैमरा और जीपीएस सिस्टम तक नहीं है।
तीन माह में 449 वाहनों पर कार्रवाई
हालांकि परिवहन विभाग की ओर से बगैर फिटनेस दौड़ रहे सिटी बसों सहित सभी प्रकार के वाहनों पर कार्रवाई की गई है, अप्रेल से जून के बीच कार्रवाई का आंकड़ा देखें तो इन तीन माह में विभाग ने 449 वाहनों को बिना फिटनेस के संचालित होने पर चालान बनाए है

Source: Jodhpur

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