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Zika Virus Alert: जोधपुर. डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के बाद अब जीका वायरस को लेकर भी कई राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। जीका वायरस के प्रसार को लेकर वैज्ञानिकों ने पिछले दिनों एक अध्ययन में बड़ा खुलासा किया था। वैज्ञानिकों को देश के कई राज्यों में जीका वायरस के प्रसार से जुड़े सुबूत मिले थे। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से तत्काल ही जमीनी स्तर पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए है। इसके बाद से राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में जीका वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया। पिछले दिनों भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अधीन अलग-अलग केंद्रों ने मिलकर यह पता लगाया है कि देश के एक या दो नहीं बल्कि कई हिस्सों में जीका वायरस की मौजूदगी है। इस संक्रमण के साथ डेंगू और चिकनगुनिया की भूमिका भी सहायक के तौर पर देखने को मिल रही है। मेडिकल जर्नल फ्रंटियर्स में प्रकाशित एक अध्ययन में साफ तौर पर वैज्ञानिकों ने कहा है कि बीते कुछ समय में भारत में जीका वायरस की गंभीर स्थिति देखने को मिली है। पिछले साल यूपी, गुजरात सहित कई राज्यों से जीका वायरस के मामले सामने आ चुके हैं।

जीका वायरस का खतरा
वेक्टर जनित रोग में शुमार जीका वायरस का खतरा इस बार मंडरा सकता है। देश के कई जिलों को एनआइवी पूणे ने भी चेतावनी दी है। इसके बाद प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट मोड पर आ चुका है। सभी जिलों को एंटोमोलॉजिकल् सर्विलांस कराने के लिए कह दिया गया है। ये रोग एडिज मच्छर काटने से फैलता है। इधर, ही जोधपुर स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले को अलर्ट मोड पर कर दिया है। पिछले साल मई से अक्टूबर के बीच देश के 13 राज्यों से 1475 मरीजों के नमूने एकत्रित करने के बाद जांच की गई थी। इस दौरान 67 मरीजों में जीका वायरस, 121 में डेंगू और 10 मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई थी। इसका एक रोगी बाहर से बीमार होकर गत वर्ष जोधपुर लाया गया था। जिसकी स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी निगरानी रखी।

गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की जरूरत
वैसे गर्भवती महिलाओं पर अब तक तक इस वायरस के प्रभाव का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को इससे बेहद सावधान रहने की जरूरत है। वायरस से प्रभावित होने पर गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर छोटा हो जाता है। उसे दूसरी दिमागी बीमारियां भी हो सकती हैं। इस वायरस के प्रभाव से नवजात बच्चों को ग्लूकोमा हो सकता है। इसके अलावा बच्चों की आंखें भी कमज़ोर हो सकती है, ऐसे में महिलाओं को प्रेगनेंसी से बचना चाहिए। इसके लक्षण भी लगभग डेंगू और मलेरिया जैसे ही होते हैं। शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना, तेज बुखार होना, आंखों में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और कमजोरी महसूस होना। ये सारे लक्षण लगभग सभी मच्छर से होने वाली बीमारियों में देखने मिलते हैं। अगर इस तरह के कोई भी लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर लें।

बचने के लिए क्या करें?
-गर्भवती महिलाओं को खुद को मच्छरों से बचाना चाहिए।
-खुद को कपड़ों से ढक कर रखें।
-रात को मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
-अगर आप प्रेगनेंट हैं और आपको ज़िका वायरस का डर है तो आप तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।गर्भवती महिलाओं को ऐसे इलाके में नहीं जाना चाहिए जहां उन्हें इन्फेक्शन का खतरा हो।

सर्वे के निर्देश
गत 12 जुलाई को इस संबंध में पूरे जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट नोटिस निकाल दिया गया है। नियमित रूप से एंटोमोलॉजिकल सर्विलेंस करवाकर हाउस इंडेक्स व ब्रेटू इंडेक्स की मॉनिटरिंग करने के लिए कहा है। जिन क्षेत्रों में हाउस इंडेक्स 5 से अधिक व ब्रेटू इंडेक्स 10 से अधिक पाए जाने पर उन क्षेत्रों में एंटीलार्वल गतिविधियां, एंटीएडल्ट व सोर्स गतिविधियां रिडक्शन करने के लिए कहा गया है। तेज बुखार से पीडि़त व गर्भवती महिलाओं का सर्वे करने के लिए कहा गया है।
– डॉ. बलवंत मंडा, सीएमएचओ, जोधपुर

Source: Jodhpur

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