गांव का नाम भले ही छोटू है, लेकिन बाड़मेर की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के ख्वाब बड़े हैं और हकीकत में बदलने के प्रयास सार्थक रंग ला रहे है। स्कूल शिक्षकों की टीम भावना और ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल की सूरत निखर चुकी है। विद्यालय ने भारत सरकार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना की एक श्रेणी विद्यालय संचालन और रखरखाव में संपूर्ण राजस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
स्कूल को कुछ अलग बनाने की शुरूआत अक्टूबर 2019 में हुई थी। करीब तीन सालों की मेहनत केवल बाहर ही नहीं स्कूल के कौने-कौने में नजर आती है। विद्यार्थियों को भी स्कूल में अपनी जिम्मेदारी का अलग से अहसास हो, इसके लिए उन्हें भी दायित्व सौंपे गए है। स्कूल में नजर आती हरयाली और व्यवस्थाएं को देखकर अभिभावकों को भी बड़ा सुकून मिलता है। स्कूल परिसर को स्वच्छ व सुंदर बनाने के साथ शिक्षण व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
450 का है स्कूल में नामांकन
स्कूल में वर्तमान में 450 विद्यार्थी अध्ययनरत है। प्रत्येक विद्यार्थी को कम से कम एक दायित्व सौंपा गया है। अनुशासन के साथ विद्यार्थियों को सौंपे गए कार्य की टीम मॉनिटरिंग करती है। विद्यार्थी अपने दायित्व को पूरे करने में शिक्षकों के सहयोग से हमेशा जुटे रहते हैं।
स्कूल में क्या है खास
-भारत दर्शन गलियारा
स्कूल में बनाया गया भारत दर्शन गलियारा बच्चों को भारत के बारे में संपूर्ण जानकारी करवाता है। महापुरुषों के साथ देश के गौरव और अन्य जानकारियों से परिपूर्ण यह गलियारा बच्चों के लिए एक मार्गदर्शक से कम नहीं है।
-पोषण वाटिका
कोविड के वक्त यहां पर पोषण वाटिका विकसित की गई। यहां कई तरह की सब्जियां उगाई जाती है। जो बच्चों के लिए काम में आती है। स्कूल का समस्त स्टाफ वाटिका को और भी अधिक उपजाऊ बनाने में कोशिश में जुटा हुआ है।
-हरयाली के लिए तीन वाटिकाएं
स्कूल में हरयाली के लिए तीन वाटिकाएं विकसित की गई है। कोविड में जब स्कूलों का संचालन बंद था। तब स्टाफ स्कूल की सूरत संवारने में जुटा हुआ था। यहां पर तीन अलग-अलग वाटिकाएं बनाई गई है। जिसमें धनवंतरि, धनेश्वर व अमृता देवी वाटिका विकसित की गई है। स्कूल परिसर पेड़-पौधों से आच्छादित नजर आता है।
-आरओ प्लांट, वाटर कूलर
बच्चों को स्वच्छ पानी उपलब्ध हो इसके लिए आरओ प्लांट, वाटर कूलर लगाए गए। परिसर में ट्यूबवैल भी है। सभी कार्यो में ग्रामीणों के साथ ग्राम पंचायत का भी काफी सहयोग रहा है। स्कूल स्टाफ ने भी जहां जरूरत हुई, वहां पर सभी हमेशा आगे रहे।
सभी के सहयोग से हुआ संभव
स्कूल का विकास और रखरखाव ग्रामीणों और स्टाफ के सहयोग से ही संभव हुआ है। पूरे राजस्थान में स्कूल को प्रथम स्थान मिलना संस्था और सभी के लिए गौरव की विषय है। हमारा प्रयास है कि बच्चों के शिक्षण के साथ संपूर्ण स्कूल का बेहतरीन विकास किया जाए।
-धर्मवीर रोज, संस्था प्रधान, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छोटू, बाड़मेर
Source: Barmer News