जोधपुर।
केन्द्र सरकार खेलों के विकास के लिए खेलो इंडिया फिट इंडिया जैसे अलग-अलग नामों से खेलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन सभी खेलों की नींव स्कूली खेलों की ओर ध्यान नहीं जा रहा है। इसकी वजह राष्ट्रीय स्तर पर स्कूली खेलों की गतिविधियां कराने वाली स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) का संचालन नहीं होना है।
इसका खमियाजा देश के लाखों स्कूली खिलाडि़यों को भुगतना पड़ रहा है, जिसमें राजस्थान के हजारों खिलाड़ी शामिल है। पिछले 2 वर्ष कोरोना काल में खिलाडि़यों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि पिछले वर्ष अधिकांश राज्यों में स्कूली खेलों की राज्य स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित करवा दी गई थी। लेकिन एसजीएफआई के दो गुटों की आपसी खींचतान के कारण नेशनल स्कूली टूर्नामेंट नहीं हो पाए।
—————–
अगस्त में शुरू हो जाते है नेशनल टूर्नामेंट
प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्कूली खेलकूद प्रतियोगिताएं अगस्त में शुरू हो जाती है और कैलेंडर पहले बनकर तैयार हो जाता है। इस बार एसजीएफआई के झगड़े में खेल कैलेंडर नहीं बन पाया है। पिछले वर्ष एक गुट ने खेल कैलेंडर जारी किया तो दूसरे गुट ने उसे झूठा ठहरा दिया था और प्रतियोगिताएं नहीं हो पाई थी। इस बार भी केन्द्र सरकार ने ना तो किसी गुट को मान्यता दी और ना ही एडहॉक कमेटी बनाई गई है। इस कारण इस साल भी स्कूली नेशनल खेलों पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं।
—–
राजस्थान से हजारों खिलाड़ी भाग लेते है
इस वर्ष यदि खेल नहीं होते हैं तो देशभर के लाखों खिलाड़ी प्रभावित होंगे और 14, 17 व 19 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ी इस आयु वर्ग में खेलने का अवसर खो देंगे। वहीं, राजस्थान से हजारों खिलाड़ी 14, 17 व 19 आयु वर्ग में एसजीएफआई खेलने का सपना देख रहे है, जो धूमिल होता नजर आ रहा है। पिछले वर्ष भी राजस्थानी में स्कूली खेलों की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करवा दिया गया, नेशनल खेलों के लिए टीमों का चयन भी कर दिया गया। लेकिन खिलाड़ियों की आशाओं पर पानी फिर गया और नेशनल स्कूली खेल नहीं हो पाए।
———————–
विवादों के कारण लगाई रोक
फेडरेशन का दो गुटों में बंट जाना, जिसके कारण केन्द्र सरकार की रोक लगाना। फेडरेशन की मान्यता का पैंच अभी फंसा हुआ है। मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। पहले कुश्ती ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार इसके अध्यक्ष बने थे। बाद में दूसरे गुट ने चुनाव करवा इन्हें हटा दिया लेकिन इस चुनाव की वैधता पर सवाल खड़े करते हुए दोबारा सुशील को अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन इसके बाद विभिन्न कारणों के चलते फेडरेशन विवादों में रही, जिसके कारण केंद्र सरकार ने इसकी गतिविधियों पर रोक लगा दी।
————–
प्रधानमंत्री व केंद्रीय खेलमंत्री को ज्ञापन भेजकर एडहॉक कमेटी बनाकर नेशनल स्कूली टूर्नामेंट कराने की मांग की गई है, ताकि स्कूली खिलाडि़यों को फायदा हो।
हापूराम चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष
राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ
——-
Source: Jodhpur