बालोतरा. शहर के कस्तूरबागांधी छात्रावास में तीन साल पहले नल कनेक्शन तो कर दिया, लेकिन जलापूर्ति शुरू नहीं की। एेसे में यहां अध्ययनत सौ छात्राओं के लिए पेयजल प्रबंध को लेकर छात्रावास प्रबंधन दानदाताओं को थोरे-न्यौरे कर पानी की टंकियां डलवाता है। लम्बे समय से यह स्थिति है, लेकिन जिम्मेदार मौन है।
कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास -4 के निर्माण के साथ इसमें जल की सुविधा के लिए विभाग से नियमानुसार जल कनेक्शन लिया गया था,लेकिन छात्रावास शुरुआत के बाद से अभी तक इसमें इक्का-दुक्का बार ही पानी आया है। छात्रावास के चारों ओर स्थित मोहल्लों में नियमित रूप से पानी की आपूर्ति हो रही है।
बजट गड़बड़ाया –
जानकारी अनुसार सरकार छात्रावास में बिजली-पानी के खर्च को लेकर 1.50 लाख रुपए का बजट स्वीकृत करती है। छात्रावास में पानी की आवक नहीं होने पर संचालक पानी खरीदते हैं। माह में पांच टैंकर मीठा व दस-बारह टैंकर खारा पानी आता है। मीठा पानी टंकी कीमत 600 रुपए व टैंकर कीमत 1200 रुपए हैं। इस पर प्रत्येक माह करीब 10 से 12 हजार रुपए पानी खर्च पर होता है।
हर दिन उठाते हैं परेशानी-
छात्रावास में पानी की आपूर्ति नहीं होने पर पानी को लेकर हर दिन परेशानी उठानी पड़ती है। पानी का सही उपयोग करने पर भी कई बार इसके लिए तरसना पड़ता है। इससे अधिक परेशान हैं।- दरिया छात्रा
पानी की आपूर्ति आधी से भी कम-
रोजमर्रा के कामकाज में पानी की अधिक जरूरत रहती है, लेकिन इसका आधा पानी भी नहीं मिलता है। इस पर अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। कोई और विकल्प नहीं होने पर हर दिन दिक्कतों का सामना करते हैं।
ज्योति छात्रा
छात्रावास में जल कनेक्शन ले रखा है। एक दो बार बड़ी मुश्किल से पानी आया। इस पर पानी पर ही हर महिने10 से 12 हजार रुपए खर्च होते हैं। पूरा बजट गड़बड़ा जाता है। दानदाताओं के सहयोग व दूसरे मद से पानी डलवाते हैं। जलदाय विभाग अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया, लेकिन ध्यान नहीं दे रहे हंै।
हवली देवी, वार्डन कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास बालोतरा
Source: Barmer News