जोधपुर।
देश में सर्वाधिक जीरा उत्पादन राजस्थान (पश्चिमी राजस्थान) में होता है, लेकिन जीरा उत्पादन पड़ौसी राज्य गुजरात की मेहरबानी पर हो रहा है। यहां के करीब 90 प्रतिशत से अधिक किसान जीरा बुवाई के लिए गुजरात की जीरे की जीसी-4 किस्म ही काम में ले रहे है। कारण यह है कि राजस्थान में कई वर्षो से जीरे की नई किस्म विकसित ही नहीं की गई। खास बात यह है कि जिस क्षेत्र में सर्वाधिक जीरा होता है, वहां इसके लिए अनुसंधान केन्द्र नहीं है। प्रदेश में जीरा का रिसर्च सेंटर जोबनेर जयपुर की कर्ण नगेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय में है । जोबनेर कृषि विवि के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में जीरा का क्षेत्रफल व उत्पादन नगण्य है। क्षेत्रफल व उत्पादन की दृष्टि से मण्डोर स्थित कृषि विश्वविद्यालय प्रदेश में अव्वल है, जिसके क्षेत्राधिकार में सर्वाधिक क्षेत्रफल व उत्पादन होता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, अगर नई विकसित किस्म काम में नहीं ली गई तो किसान भविष्य में इस किस्म से आशानुरूप परिणाम भी नहीं ले पाएंगे।——-
लगातार घट रहा है औसत उत्पादन
गुजरात में प्रति हैक्टेयर औसत 800-900 किलो जीरा उत्पादन होता है, जबकि राजस्थान में प्रति हैक्टेयर औसत 430-450 किलो उत्पादन हो रहा है। परिणामस्वरूप, जीरा की खेती करने वाले किसान गुजरात की तुलना में उत्पादन लेने में पिछड़ रहे है। इसके अलावा, जीरा के लिए सर्दियों में फल, फूल व बीज बनते है और इस फसल के लिए कोहरा, नमी, ओंस नहीं होनी चाहिए। जबकि जोबनेर की जलवायु, मिट्टी, वातावरण इस फसल के लिए उपयुक्त नहीं है।
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1975 में स्थापित हुआ सेंटर
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से सन् 1975 में जोबनेर की कर्ण नगेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना स्थापित की गई। जोबनेर कृषि विवि के अंतर्गत जयपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, धौलपुर, करौली, अलवर, सीकर आदि जिलें आते है। जोधपुर मण्डोर कृषि विवि के अंतर्गत जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, पाली व सिरोही-जालोर जिलें आ रहे है।
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क्षेत्रफल से जाने हकीकत ( हैक्टेयर में )
विवि—– जीरा——– सौंफ—— मैथी—— धनिया—- कुल— हिस्सा प्रतिशत
जोधपुर– 442878— 38459— 32459—– 1043– 514839— 60.1
जोबनेर– 4375—— 3972—–12750——265— 21362—2.5
कुल—- 500142—– 45195—- 129712—– 181712—— 856761
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मारवाड़ में जीरा का सर्वाधिक उत्पादन होता है। ऐसे में यहां अगर रिसर्च सेंटर स्थापित होता है तो नई किस्में विकसित होगी, जो किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय
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सर्वाधिक उत्पादन को देखते हुए जीरे का रिसर्च सेन्टर यहां होना चाहिए, यहां प्रदेश की सबसे बड़ी जीरा मंडी भी है।पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष
जीरा मंडी व्यापार संघ
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Source: Jodhpur