दिलीप दवे
बाड़मेर. राज्य सरकार ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देने के लिए पंचायत स्तरीय राजीवगांधी ओलम्पिक खेल करवा रही है लेकिन इसमें बाड़मेर जिले की दो सौ ग्राम पंचायतें वंचित रह सकती है। क्योंकि पंचायतराज ने जो बजट जारी किया है, वह पुरानी पीईईओ व्यवस्था के तहत दिया है जबकि तीन साल पहले नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। वहीं, दूसरी ओर जो बजट जारी किया जा रहा है वह भी नाकाफी साबित हो रहा है।
यह भी पढ़ें: पहले रुकी दूध की धार, अब पाउडर का भी इंतजार |
प्रदेश की बजट घोषणा के तहत युवा मामले एवं खेल विभाग की ओर से 29 अगस्त से 5 सितम्बर तक पंचायत स्तरीय राजीवगांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने हाल ही में बजट जारी किया है। करीब दस करोड़ का बजट इन खेलों पर खर्च होगा, जिसमें हर पंचायत प्रारिम्भक शिक्षा अधिकारी पीईईओ को खेल प्रतियोगिता आयोजन के लिए छह हजार व खेलकूद सामग्री क्रय के लिए 3150 रुपए जारी किए गए हैं। बजट जारी होते ही करीब तीन साल पहले नई बनी ग्राम पंचायतों में खेल आयोजन पर प्रश्न चिह्न लग गया है, क्योंकि बजट पुरानी पीईईओ व्यवस्था के तहत जारी हुआ है जबकि प्रदेश में इसके बाद करीब बारह सौ ग्राम पंचायतें बनी हैं जिनके पीईईओ को उक्त राशि नहीं मिली है।
यह भी पढ़ें: रंग-बिरंगी यूनिफॉर्म पहन मनाएंगे आजादी का उत्सव, वजह है यह |
जिले की 499 ग्रापं को बजट – जिले में वर्तमान में 689 ग्राम पंचायतें हैं । हर ग्राम पंचायत पर एक सरकारी विद्यालय नोडल है, जहां पीईईओ कार्यरत है। सरकार ने जो बजट जारी किया है वह पुरानी व्यवस्था के अनुसार 499 पीईईओ के अनुसार ही मिलेगा। ऐसे में दो सौ पीईईओ खेल प्रतियोगिताएं कैसे करवाएंगे। ऐसे में आयोजनसे पहले पीईईओ चिंतित है।
Source: Barmer News