जोधपुर।
राजस्थान का शहर जोधपुर जहां की टूटी-फूटी सड़कों को सुधारने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तल्ख भाषा का उपयोग करना पड़ा। अधिकारियों को चेतावनी देनी पड़ी। क्योंकि सड़कों की िस्थति वाकई खराब है। हालांकि उनके रूट की कुछ सड़कों की मरम्मत कर प्रशासन ने डेमेज कंट्रोल के प्रयास किए थे। लेकिन उससे भी कुछ फायदा नहीं हुआ।
सीएम अशोक गहलोत की ओर से सड़कों पर सख्ती दिखाने और अधिकारियों को चेतावनी देने के बाद जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने भी बुधवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में सख्ती दिखाई है। शहर की सड़कों की मरम्मत एवं निर्माण कार्य के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ली।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि डीएलबी डिफेक्टिव लायबिलिटी पीरियड के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों की मेंटेनेंस का कार्य ठेकेदारों के माध्यम से अगले 2 दिन में शुरू करने की बात कही। उन्होंने अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों के स्थाई समाधान के संबंध में निर्देश दिए कि इंटरलॉकिंग ब्लॉक की सड़कों की मरम्मत की जाए। बीटी पैचिंग के माध्यम से भी सड़कों को दुरुस्त किया जाए।
गुणवत्ता व समय पर हो काम
सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़कों के निर्माण एवं मरम्मत कार्य को समय पर व पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं होगा। जोधपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त अवधेश मीना, नगर निगम आयुक्त दक्षिण अरुण कुमार पुरोहित, नगर निगम आयुक्त अतुल प्रकाश, अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय राजेंद्र डांगा मौजूद रहे।
संभागीय आयुक्त कैलाशचंद्र मीणा ने भी सड़कों को लेकर अधिकारियों की बैठक ली है। उन्होंने भी टाइम बाउंड एक्शन प्लान दिया है।
Source: Jodhpur