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बापिणी (जोधपुर). कहने को तो राज्य व केन्द्र सरकारों ने समय-समय पर कई योजनाएं चलाकर देश या राज्य के हर घर तक बिजली पहुंचाने के बड़े बड़े दावे कर रहे है। लेकिन, आजादी के 75 वर्ष बाद भी आज भी कई परिवार बिजली की रोशनी से महरूम हैं।

ऐसे ही मामले से सहायक अभियन्ता कार्यालय में घरेलू कनेक्शन नहीं मिलने पर धरना देकर विरोध जताने बापिणी खुर्द के भीलों की ढ़ाणियों से आए पांच दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा से अधिकारियों को अवगत करवाया।

भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष बाबूसिंह बापिणी व समाजसेवी गोरखसिंह ने बताया कि पिछले कई वर्षों से दो-दो बार आवेदन करने के बाद भी भीलों की 300 से अधिक आबादी 21 वीं सदी के इस दौर में भी लालटेन व चिमनी के जहरीले धुएं से अपने घर में रोशनी कर रहे हैं।

पीडि़तों ने वर्ष 2013 की पत्रावलियों के जमा करवाने की रसीदें दिखाते हुए कई बार आवेदन देने के बाद भी सभी बीपीएल चयनित परिवारों को बिजली देने का कोई प्रयास नहीं किया। कई बार अधिकारियों व दीनदयाल योजना के ठेकेदारों से भी पिछड़े हुए घरों का राशन करने की मांग की लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला।

पीडि़तों के जीएसएस पर धरने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अतिरिक्त सहायक अभियंता रामेश्वर देवड़ा व कनिष्ठ अभियंता रविराजसिंह भाटी को ज्ञापन देकर अपने घरों को विद्युतीकृत कराने की मांग की।

पीडि़तों ने बताया कि बिजली के बिना चिमनी की रोशनी में पढऩे को मजबूर हमारे बच्चों की पढ़ाई भी खराब हो रही है। भीलों की ढाणी के वाशिंदों ने दीनदयाल याजना के प्रथम व द्वितीय चरणों में आवेदन करके एस्टीमेन्ट व नक्शे तक बनाकर जिम्मेदारों को दिए। लेकिन सिर्फ आश्वासन से ही संतुष्ट होना पड़ा।

पीडि़तों ने जल्द घरेलू कनेक्शन नहीं दिए जाने की दशा में आने वाले दिनों में जीएसएस पर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठने की चेतावनी दी हैं। इस मौके सोहन पंचारिया, वार्ड पंच किसनाराम, सुरताराम, महेन्द्रसिंह, मोतीराम, इन्द्रसिंह गुलाराम सहित बिजली से वंचित बीपीएल परिवार के ग्रामीण मौजूद थे।

Source: Jodhpur

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