जोधपुर।
पाल गांव में बाइपास पर खड़की निवासी मेघवाल परिवार पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूटा है। परिवार के मुखिया के आठ पुत्र व तीन पुत्रियां में से अब पांच पुत्रों की अलग-अलग हादसों ने जान ले ली। वहीं, एक बहनोई की बासनी में सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। अब एक साथ दो भाई व मासूम भतीजी की मौत से परिवार सदमे में है।
पारिवारिक सदस्य पुखराज का कहना है कि पाल बाइपास पर रिसोर्ट के पास खड़की निवासी वोराराम मेघवाल के ग्यारह संतानें थी। इनमें आठ पुत्र और तीन पुत्रियां शामिल हैं। एक पुत्री दामाद का कुछ साल पहले बासनी में सड़क हादसे में निधन हो गया था।
वृद्ध मां का हाल बेहाल
परिजन का कहना है कि परिवार का मुख्य काम खेती है। इसके अलावा अन्य काम काज भी करते हैं।मुखिया वोराराम का निधन हो चुका है। पत्नी गीतादेवी सबसे बुजुर्ग हैं। नौ साल में पांच पुत्रों की मौत से उन पर दुखों का पहाड़ सा टूटा है।चार शादीशुदा थे और बच्चे भी हैं। इनकी पत्नियां खेती और मेहनत मजदूरी करके परिवार चला रही हैं।
नौ साल पहले ट्रक ने ली थी जान
परिजन का कहना है कि 12 जून 2013 को पाल रोड पर मोटरसाइकिल सवार कालूराम उर्फ छोटूराम को ट्रक ने कुचल दिया था। उसकी भी मौके पर ही मौत हो गई थी। उसके दो पुत्रियां हैं।
कमठा मजदूरी करते छत से गिरा, फिर दम टूटा
वीरमाराम मेघवाल खेती के साथ-साथ कमठा मजदूरी भी करता था। गत 18 दिसम्बर को कमठा मजदूरी के दौरान वह छत से गिर गया था। उसकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थी। इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। उसके तीन पुत्र बताए जाते हैं।
अज्ञात वाहन ने ली जान
छह-सात साल पहले मोती मेघवाल बोरानाडा रोड पर बाइक लेकर निकल रहा था। तब अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया था और इससे उसकी मौत हो गई थी। उसके दो-दो पुत्र व पुत्री हैं।
तहसीलदार व अन्य ने ली जानकारी
डीपीएस चौराहे पर टैंकर की चपेट से बाइक सवार पाल में खड़की निवासी जोराराम मेघवाल व उसके भाई अर्जुन व जोराराम की पुत्री मनीषा की मौत हो गई थी। तहसीलदार व अन्य अधिकारी बुधवार को दुर्घटनास्थल और मृतकों के घर पहुंचे व जानकारी ली।
Source: Jodhpur