Educationदिलीप दवे बाड़मेर पत्रिका. राज्य के 4703 विद्यालयों को करीब छह माह पहले क्रमोन्नति करने की जो खुशी राज्य सरकार ने दी थी वह अब काफूर होने लगी है। इन विद्यालयों के करीब 2 लाख विद्यार्थी ग्यारहवीं एवं बारहवीं में खुद ही अपनी किताबें पढ़ रहे है।
व्याख्याता के पद स्वीकृत नहीं होने से पढ़ाने वाला कोई नहीं है। प्रदेश में 23 मार्च 2022 को माध्यमिक से उच्च माध्यमिक में 4703 विद्यालय क्रमोन्नत किए गए। इन विद्यालयों के क्रमोन्नत होते ही विद्यार्थियों को इस आस में दाखिला दिला दिया गया कि अब यहीं पढाई होगी तो दूर क्यों भेजा जाए? प्रथम परख तो विद्यालयों ने खुद पढ़कर दे दी लेकिन अब द्वितीय परख का समय आ रहा है लेकिन छह माह बाद भी सरकार ने यहां पद नहीं दिए है। ये सभी विद्यालय कला संकाय के है।
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प्रत्येक विद्यालय में कम से कम तीन व्याख्याताओं की जरूरत है। पिछले दो सत्र से नहीं हुई डीपीसी दो साल से वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पदों की डीपीसी नहीं होने से रिक्त पदों का ग्राफ भी बढ़ गया। वर्तमान में शिक्षा विभाग में व्याख्याताओं के 20 फीसदी पद रिक्त चल रहे हैं। 4703 स्कूल में क्रमोन्नत होने से 14109 पद और बढ़ेगे। रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग में 50 फीसदी डीपीसी और 50 फीसदी सीधी भर्ती का प्रावधान है। नई भर्ती को लेकर अभी कोई तैयारी नहीं हुई है।
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यों हुए है क्रमोन्नत माध्यमिक से उच्च माध्यमिक -3828 उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक -436 बालिका उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक-435
नवक्रमोन्नत विद्यालयों में व्याख्याता पद स्वीकृति का मामला राज्य स्तर का है। हम उपलब्ध अध्यापकों के साथ तालमेल कर बेहतर शिक्षण का प्रयास कर रहे हैं। – राजन शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बाड़मेर
Source: Barmer News