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बाड़मेर पत्रिका.
जिले की लूणी नदी क्षेत्र में बजरी के प्रतिटन वसूली को लेकर जिला परिषद की बैठक में वन एवं पर्यावरण में मंत्री हेमाराम चौधरी ने राज्य सरकार की ओर से कार्यवाही नहीं करने पर अधिकारियों को घेरा और कहा कि 550 रुपए प्रति टन वसूली हो रही है और यह 5500 हो गई तो क्या कर लोगे? सरकार का कोई दर पर नियंत्रण है या नहीं?
जिला परिषद की बैठक में पहुंचे मंत्री हेमाराम चौधरी सहित पूरे सदन ने बजरी के मुद्दे पर अधिकारियों को घेरते हुए कहा कि बजरी की रॉयल्टी 550 उसने तय कर ली,यदि वो 5500 लेगा तो सरकार क्या करेगी? जितना वो चाहेगा ले लेगा क्या? अधिकारी ने जवाब दिया कि दर निर्धारण का अधिकार हमें नहीं है। 2014 में माल अधिनियम के तहत दर निर्धारित जिला कलक्टर ने की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में इसे अवैध मान लिया। अब हम निर्धारित नहीं कर पा रहे है। मंत्री ने कहा कि बजरी बाजार में बिकती नहीं है। अब यह ठेकेदार के अलावा कोई भी बजरी नहीं दे पाएगा। अब तो वह चाहेगा वह राशि लेगी। तब सरकार क्या करेगी? हम कुछ नहीं कर सकते है। इसको कोई रोकने वाला और कहने वाला नहीं है। सदन में जो सब बोले इसका कोई हल ही नहीं निकलने वाला है।

सात साल में क्या किया?
अधिकारियों ने कहा कि 2015 में बजरी के मामले में स्टे हो गया। इस पर मंत्री ने कहा सात साल में सरकार की तरफ से क्या पक्ष रखा? कहां पैरवी की वह बता दो? अधिकारियों ने कहा कि यह राज्य सरकार के स्तर पर हुआ है। इस पर मंत्री ने कहा कि विभाग की तरफ से आप यहां हों तो फिर दूसरा कौन जवाब देगा।

मैने मंत्री को बता दिया
मंत्री ने कहा कि मैने प्रमोद जैन भाया को बता दिया। अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। अब तक भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है तो फिर कब होगी। पिछले दो साल से लूणी नदी में ठेकेदार का कब्जा है और किस हैसियत से यह वसूली कर रहा था? दो साल पहले भी क्यों नहीं रोका गया?

Source: Barmer News

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