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बाड़मेर. अस्पताल में भर्ती मरीजों को जल्द ठीक करने के लिए पूरी टीम काम करती है। चिकित्सक से लेकर सभी कार्मिक मरीजों को शीघ्र स्वस्थ करते हुए उसे घर भेजने के लिए तत्पर रहते हैं। लेकिन अस्पताल की अव्यवस्थाओं को देखकर यह लगता है कि जल्द स्वस्थ होने की बजाय मरीज का मर्ज और बढऩे है। बाड़मेर जिला अस्पताल में कुछ ऐसे ही हालात नजर आए। यहां मरीजों को उपचार आदि तो मिल रहा है, लेकिन साफ-सफाई और रोगी की संक्रमण से सुरक्षा को लेकर लापरवाही साफ नजर आई। दवा उसे जरूर दी जा रही है, लेकिन उसके स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले दूसरे कारकों और हाईजीन की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। करीब सभी वार्ड में ऐसे ही हालात दिखे। वार्ड तो दूर की बात यहां सुविधायुक्त आइसीयू में भी मरीजों की संक्रमण से सुरक्षा को लेकर जागरूकता नहीं दिखी।
आइसीयू : गंभीर रोगी, लापरवाह लोग
जिला अस्पताल के आइसीयू में प्रवेश करते ही बड़े-बड़े शब्दों में जानकारी अंकित है कि प्रवेश से पहले कैप, मास्क, आसीयू डे्रस और स्लीपर पहनें। नहीं पहनने पर 250 रुपए फाइन किया जाएगा। लेकिन इसी आइसीयू में शुक्रवार को एक-एक मरीज के पास तीन-तीन अटेंडर और किसी ने भी यहां के नियम का पालन नहीं किया। आईसीयू में गंभीर स्थिति वाले मरीज भर्ती है, लेकिन यहां पर रोगियों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही साफ दिखी।
वार्ड: भरे पड़े बायोवेस्ट बिन
आईसीयू के कुछ दूरी पर एक कौने में फिमेल वार्ड में दोपहर बाद तक बायोवेस्ट के बिन भरे हुए पड़े थे। आसपास भी बायोवेस्ट बिखरा हुआ मिला। पास में कई सीरिंज भरी हुई थी। इस तरह के हालात किसी वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए कितने घातक हो सकते है, ये यहां काम करने वाले जिम्मेदार बखूबी जानते है। फिर भी यहां पर मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही ही दिखी। यहां पर काफी मरीज भर्ती थे और कुछ मेडिकल स्टूडेंट्स भी ट्रेनिंग के लिए आए हुए थे।
गैलरी :डस्टबिन के पास ही रोगी का बेड
फिमेल सर्जिकल वार्ड के बाहर गैलरी में रोगियों को भर्ती किया जा रहा है। यहां पर गैलरी में मरीज का बेड ठीक डस्टबिन के पास में लगा दिया गया है। खुले हुए डस्टबिन की गंदगी और बदबू से मरीज और परिजन परेशान दिखे। ऐसे हालात में मरीज के जल्दी स्वस्थ होने की कोई संभावना ही नहीं दिखती। अस्पताल के ग्राउंड और पहली मंजिल पर भी वार्ड के बाहर लगे बैड के पास ही डस्टबिन लगे हैं और रोगियों को भी वहीं पर भर्ती किया जा रहा है।
बर्न वार्ड: संक्रमण के साए में मरीज
जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में सबसे खराब हालात है। वार्ड में आने-जाने पर कोई रोक-टोक नहीं है। भर्ती मरीजों के आसपास ही लोगों ने अपने जूते-चप्पल उतार रखे है। यह स्थिति जले हुए रोगियों के घातक है। वार्ड में एसी जरूर चल रहे हैं, लेकिन व्यवस्थाएं कहीं नहीं है। चिकित्सा की दृष्टि से हाई सेंसेटिव एरिया में मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति भारी उदासीनता यहां पर नजर आई।

Source: Barmer News

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