थार में मलेरिया फिर से बढऩे लगा है। पिछले दो-तीन साल से मलेरिया नाममात्र का रह गया था। पूरे साल में 10-20 केस मिल रहे थे। लेकिन इस सीजन में मलेरिया फिर से फन उठा रहा है। डेंगू से ज्यादा मलेरिया का प्रकोप देखा जा रहा है। चिकित्सकों का मानना है कि अस्पताल की ओपीडी में आने वाले करीब 90 फीसदी बुखार रोगी मलेरिया के संदिग्ध है। इनकी जांच भी करवाई जा रही है। अभी जिले में सबसे अधिक बुखार का असर देखा जा रहा है। हालात यह है कि अस्पतालों की व्यवस्थाएं भी मरीजों की भरमार से चरमरा गई है।
मलेरिया बेतहाशा बढ़ रहा है। विशेषज्ञ इसका असर अधिक बरसात को मान रहे है। ज्यादा बरसात होने से बरसात के पानी का जगह-जगह भराव और जमाव से मलेरिया के मच्छर पैदा हो रहे है। ऐसी स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा देखने में आ रही है। इसके कारण मरीज भी वहां पर ज्यादा है। इसके कारण सीएचसी जहां पर सामान्य दिनों में 100 मरीज भी रोजाना नहीं पहुंचते थें, वहां पर ओपीडी का आंकड़ा 300 के पार जा रहा है, जो चिंताजनक है।
मच्छरों पर नियंत्रण के नहीं उपाय
गांवों के साथ शहरों में मच्छरों का भारी प्रकोप है। रात ही नहीं दिन में भी मच्छर चैन नहीं लेने दे रहे है। गांवों में हालात अधिक बुरे है। वहीं मच्छरों के नियंत्रण के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से कोई प्रयास अभी तक शुरू नहीं किए गए है। इसके कारण हालात खराब होते जा रहे है। गांवों और कस्बों के साथ शहरों में भी मच्छरों के कारण लोग परेशान है और बीमारियां भी बढ़ती जा रही है। मच्छरों के कारण ही मलेरिया बढ़ता जा रहा है।
भर्ती में भी बुखार के रोगी ज्यादा
जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों में भी 80 फीसदी बुखार के है। वार्ड में लगाए गए अतिरिक्त बेड भर चुके है। जहां पर बेड खाली मिल रहा है, वहीं पर रोगियों को भर्ती किया जा रहा है।
बाड़मेर से ज्यादा जैसलमेर में मलेरिया
मलेरिया का असर जैसलमेर में अधिक है। वहां पर अब तक करीब 100 से अधिक रोगी मिल चुके है। वहीं बाड़मेर जिले में चिकित्सा विभाग कुल 28 रोगी पीवी के बता रहा है। जबकि आंकड़ा काफी बड़ा है। वहीं जैसलमेर में डेंगू का असर कम देखा जा रहा है।
मलेरिया बढ़ा है
इस सीजन में मेलरिया के रोगी बढ़ रहे है। पिछले दो-तीन सालों में मलेरिया के रोगी नहीं के बराबर ही थे। लेकिन इस बार डेंगू के साथ मलेरिया पीवी के रोगी सामने आ रहे है।
-डॉ. चंद्रशेखर गजराज, सीएमएचओ बाड़मेर
Source: Barmer News