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दिलीप दवे बाड़मेर. आओ स्कूल चले हम का स्लोगन लेकर प्रदेश के अनामांकित व डॉप आउट बच्चों को स्कूलों से जोड़ने का प्रवेशोत्सव अभियान भी शत प्रतिशत बच्चों को घरों से स्कूल तक नहीं ले पाया। तमाम दावे, प्रचार-प्रसार के बावजूद प्रदेश के अनामांकित व ड्रॉप आउट बच्चों में से आधी तादाद भी पाठी-पोथी से नहीं जुड़ पाई। सरकार ने लक्ष्य तो 77253 का दिया था लेकिन 38443 बच्चे ही स्कूल पहुंचे।

 

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प्रदेश में शिक्षा का अधिकार लागू किया हुआ है। इसमें 4 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा देने का प्रावधान है, लेकिन प्रदेश में तमाम कोशिशों के बावजूद 38810 बच्चे शिक्षा के अधिकार से अभी तक वंचित ही है। गौरतलब है कि प्रदेश में शिक्षासत्र आरम्भ होने के साथ ही प्रवेशोत्सव आरम्भ किया गया। इसमें नए बच्चों के स्कूल से जोड़ने के साथ ऐसे बच्चे जो पढ़ाई बीच में छो़ चुके हैं, ऐसे ड्रॉप आउट बच्चों व अब तक स्कूल में अनामांकित रहे को स्कूलों से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया था। इस लक्ष्य की प्राप्ति में प्रदेश के सभी जिले एक तरह से फिसड्डी ही साबित हुए हैं। लक्ष्य के पचास फीसदी का आंकड़ा भी छू नहीं पाए।

 

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1298 विद्यालय लक्ष्य से रहे दूर

विभाग की ओर से प्रत्येक स्कूल को अनामांकित व ड्रॉप आउट बच्चों की सूची देते हुए स्कूल से जोड़ने का लक्ष्य दिया था। इस लक्ष्य को प्रदेश के 1298 विद्यालय पूरा नहीं कर पाए जिसमें से बाड़मेर जिले के 44 विद्यालय शामिल हैं।

बाड़मेर में आंकड़ा

बाड़मेर जिले में अनामांकित बच्चों की तादाद 382 हैं जिसमें से 137 को जोड़ा गया जबकि 245 अभी भी वंचित है। ड्रॉप आउट बच्चों की तादाद जिले में 4123 हैं जिसमें से 2816 को स्कूलों से जोड़ा जा चुका है और 1307 वंचित हैं। ऐसे में जिले में अनामांकित व ड्रॉप आउट बच्चों की कुल तादाद 4505 हैं जिसमें से 2953 का नामांकन स्कूलों में हुआ है जबकि 1552 अभी भी शिक्षा से दूर हैं। नए नामांकन में बाड़मेर में 2953 बच्चों को जोड़ा गया।

विद्यालयों से बच्चों को जोड़ने के लिए बेहतर करने का प्रयास रहता है। जिले में हालांकि काफी तादाद में बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया लेकिन अभी भी बच्चे वंचित है जिनको लेकर पीईईओ का सूचना देकर जोड़ने को कहा गया है। – राजन शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बाड़मेर

Source: Barmer News

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