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न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ में याचिकाकर्ता राजपाल एवं अन्य की ओर से पुलिस जांच में नकारात्मक अंतिम रिपोर्ट पेश करने तथा गिरफ्तार आरोपियों की रिहाई को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, जयपुर के सहायक निदेशक डा आनंद कुमार उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि मांस के नमूनों और शरीर के विभिन्न अंगों से संबंधित जांच रिपोर्ट में नमूने अनिर्णायक थे, क्योंकि डीएनए की अपेक्षित मात्रा यानी 5 नैनोग्राम प्रति माइक्रोलीटर उपलब्ध नहीं थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोती सिंह ने कहा कि राज्य प्रयोगशालाएं डीएनए नमूने 5 नैनोग्राम प्रति माइक्रोलीटर से कम होने पर निष्कर्ष देने की स्थिति में नहीं हो सकती है, लेकिन देश में कई उन्नत प्रयोगशालाएं ऐसा कर सकती हैं। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य फोरेंसिक प्रयोगशाला की रिपोर्ट पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सर्वाेत्तम वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने के लिए किसी प्रतिष्ठित केंद्रीय प्रयोगशाला से एफएसएल करवाना उचित होगा।

Source: Jodhpur

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