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भवानीसिंह राठौड़@बाड़मेर.

किसी की मौत के बाद मिलने वाली बीमा राशि और वाहन के क्लेम के भुगतान हड़पने के लिए अब गिरोह तैयार हो गए हैं। ये लोग बीमा कंपनी, एजेंट और अन्य जगह पर सांठगांठ कर एेसे प्रकरण जिसमें इंश्योरेंस करवाने वाले की मृत्यु हो जाती है उनके नाम के क्लेम उठा रहे हैं। संबंधित परिवार को इसकी खबर ही नहीं लगने दी जा रही है। पुलिस के पास चुनिंदा मामले आने के बाद पुलिस इनकी जांच में लगी है। पुलिस भी हैरत में है कि यह खेल कैसे खेला जा रहा है?

ठगी बीमारों से शुरू की
गांव-ढाणी में ये लोग बीमारों की जानकारी अपने पास रखने लगे हैं। जैसे ही किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी का अंदेशा होता है उसके परिजन के पास पहुंचकर सहानुभूति जताने और बीमारी के लिए मदद का बहाना बनाकर इन लोगों से दस्तावेज लेने व दस्तखत करवाने में लग जाते हैं। इसके बाद जितनी किश्त जमा करनी होती है अपनी जेब से करने का जुआ भी खेल रहे हैं। लिहाजा संबंधित परिवार इनकी छोटी मदद को बड़ा मानते हुए इन पर भरोसा कर लेता है और जैसे ही मौत होती है बड़े क्लेम की राशि उठाने की ठगी हो रही है।

केस1- बाखासर थाना क्षेत्र के माटूड़ा(बोलू) निवासी तेजुदेवी के पति सांवलाराम की मृत्यु के बाद संवेदना जताने पहुंचे एक जने ने कहा कि सांवलाराम गरीब था और उसके कागजात मिल जाएं तो मृत्यु उपरांत उसके परिवार की मदद हो सकती है। परिजन सरकारी मदद की आस में दस्तावेज संबंधित को सुपुर्द कर इस बात का तकाजा करते रहे कि उनको कुछ मदद मिलेगी लेकिन एेसा कुछ नहीं हुआ। लंबे समय बात पता चला कि सांवलाराम के नाम पर उसने एक लग्जरी वाहन उठा लिया। कुछ महीनों बाद मृत्यु प्रमाण पत्र पेश कर गाड़ी के नाम का क्लेम ले लिया और 15 लाख के करीब की लग्जरी गाड़ी उसके नाम है। संावलाराम की पत्नी ने बाखासर थाने में आरोपी रुपाराम पुत्र वगताराम राणासर कल्ला व आसूराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

केस 2- सेड़वा थाना क्षेत्र के बोरला जाटान निवासी बाबूराम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि छोगाराम निवासी भारते की बेरी व किसनाराम निवासी सोमारड़ी वर्ष 2011 में घर पर आए। तब पत्नी गंवरी देवी के नाम 80 हजार रुपए की इंश्योरेंस पॉलिसी करवाई। उसकी पत्नी की 25 अक्टूबर 2013 को मौत हो गई। बाबूराम के अनुसार उसके बाद आरोपियों ने फर्जी तरीके से 44 लाख रुपए उठा लिए। दस्तावेज का इस्तेमाल कब और कैसे किया इसका उनको पता ही नहीं चलने दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
केस3- बालोतरा थाने में वर्ष 2018 में परिवादी दर्ज हुआ कि कितपाला निवासी जानूखान की मौत के बाद उसके भाई ने इंश्योरेंस पॉलिसी करवाई और फायदा उठा लिया। हालांकि पुलिस जांच में स्पष्ट नहीं हुआ। इस प्रकरण में परिवादी थाने नहीं आया। ऑनलाइन एफआर दर्ज हुई थी।

ऐसे खुल रहे हैं मामले
डाक से आया कागज
बाखासर में मामला तब खुला जब संबंधित के नाम कंपनी के नाम से आया एक कागज उसके घर पहुंच गया। इससे पूर्व आए सारे कागज डाक में पहले से ही ले लिए गए थे। कागज हाथ आने पर परिवार के पढ़े लिखे सदस्य को दिखाया। पता चला कि मृतक के नाम का वाहन है, जबकि मृतक की स्थिति दो जून रोटी खाने की नहीं थी।

मोबाइल पर आया मैसेज
बामरला में एक जगह चूक हो गई। मृतक का मोबाइल नंबर दे दिया गया। उस पर मैसेज आया तो पता चला कि 3 लाख रुपए खाते से उठाए गए हैं। परिजन ने पता किया तो समझ में आया कि क्लेम की राशि 40 लाख से पार थी और धीरे-धीरे उठाई गई है। इसके बाद पुलिस में मामला दर्ज हुआ।

– मामला दर्ज हुआ है
मृतक के नाम वाहन उठाकर धोखाधड़ी करने के आरोप में परिवाद आया था। उसका मामला दर्ज करवा दिया है। इस तरह की धोखाधड़ी के मामले आते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। – शरद चौधरी, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर।

Source: Barmer News

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