जोधपुर.
नागौर रोड पर पुलिस स्टेशन मंडोर के पास स्थित राज्य की विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) (DNA in FSL) में हर माह करीब दस नाबालिग पीडि़तों के खून के नमूने डीएनए (DNA) जांच के लिए पहुंच रहे हैं, जिनकी सर्वोच्च प्राथमिकता से जांच की जा रही है। एफएसएल जोधपुर में डीएनए जांच सुविधा शुरू होने के बाद से प्रतिदिन एक से अधिक नमूना डीएनए जांच के लिए पहुंच रहा है। 11 महीने में अब तक 296 डीएनए जांच हो चुकी है। (DNA test of 10 minors is being done every month)
जयपुर के बाद जोधपुर में जांच सुविधा
बलात्कार के मामलों में डीएनए जांच आवश्यक है। वहीं, अज्ञात शव मिलने पर शिनाख्त के लिए भी डीएनए जांच कराई जाती है। राज्य में सिर्फ जयपुर की एफएसएल में ही डीएनए जांच की सुविधा थी। राज्य के हर जिले से डीएनए जांच के नमूने जयपुर भेजे जाते थे। राज्य सरकार की बजट घोषणा के बाद जनवरी 2022 में जोधपुर की एफएसएल में डीएनए जांच सुविधा शुरू की गई थी।
12 वर्ष तक आयु के 30 मामले
जोधपुर की एफएसएल में डीएनए जांच शुरू होने के बाद से 11 महीने में 296 नमूनों की जांच हो चुकी है। प्रतिदिन एक से अधिक नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला पहुंच रहे हैं। इनमें से 186 नमूने पोक्सो मामले से जुडे हैं। इनमें भी 0 से 12 आयु वर्ग के 30 मामले शामिल हैं। यानि सर्वाधिक डीएनए की जांच नाबालिग पीडितों की हो रही है।
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7 दिन में पूरी कर रहे हैं जांच
एफएसएल जोधपुर में 1 जनवरी से 25 नवम्बर तक 296 डीएनए की जांच हो चुकी है। इनमें 186 नाबालिगों की जांच शामिल है। हर महीने दस मामले 0 से 12 आयु वर्ग के पीडितों की डीएनए जांच हो रही है। इनकी उच्च प्राथमिकता से जांच की जाती है। लगभग सात दिन में एक डीएनए जांच पूरी कर ली जाती है।
अजय शर्मा, डायरेक्टर, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर
Source: Jodhpur