जोधपुर।
जोधपुर का टेक्सटाइल उद्योग देश में अपनी खास पहचान रखता है। यहां डाडंग व प्रिंटिंग का काम बड़े स्तर पर किया जा रहा है। एक्सपोर्ट क्वालिटी का कपड़ा होने व मांग बढ़ने के साथ टेक्सटाइल उद्योग व इकाइयां भी बढ़ती जा रही है, इसको देखते हुए जोधपुर में टेक्सटाइल पार्क की दरकार है। टेक्सटाइल उद्योग के लिए टेक्सटाइल औद्योगिक पार्क नहीं होने के कारण अवैध इकाइयों को बढ़ावा मिल रहा है।
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प्रतिदिन लाखों मीटर कपड़े की डाइंग-प्रिंटिंग
जोधपुर संभाग में विशेष रूप से जोधपुर, पाली व बालोतरा में टेक्सटाइल का बड़े स्तर पर काम हो रहा है। तीनों स्थानों पर करीब 65-70 लाख मीटर कपड़ा प्रतिदिन डाइंग-प्रिंटिंग हो रहा है। इसमें अकेले जोधपुर में प्रतिदिन करीब 25 लाख मीटर कपड़े की डाइंग-प्रिंटिंग हो रही है।
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वर्तमान में 310 इकाइयां
जोधपुर में वर्तमान में करीब 310 टेक्सटाइल इकाइयां है, जो जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट से जुड़ी है। यह उद्योग दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में टेक्सटाइल पार्क हो जाए तो यहां इकाइयों का विस्तार हो सकेगा व नए उद्योग भी लग सकेंगे। टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े गजेन्द्रमल सिंघवी, ज्ञानीराम मालू, मनोहर खत्री आदि उद्यमियों ने बताया कि जोधपुर में टेक्सटाइल का उद्योग बढ़ता जा रहा है। सरकार से हर बार टेक्सटाइल पार्क की मांग की जा रही है। यह मांग पूरी होने से यह उद्योग रफ्तार पकड़ेगा।
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मेगा टेक्सटाइल पार्क मिलना चाहिए
जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की आरे से गत वर्ष केन्द्रीय बजट में घोषित/प्रस्तावित सात मेगा टेक्सटाइल्स पार्को में से एक टेक्सटाइल्स पार्क जोधपुर में स्थापित करने की मांग की गई थी। लेकिन इस पर भी कोई गतिविधि नहीं हो रही है। जेआइए अध्यक्ष एनके जैन ने बताया कि मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना जोधपुर में की जाती है तो इसे केन्द्र सरकार की दिल्ली-मुंबई इण्डस्ट्रियल फ्रेट कॉरिडोर की परियोजना के अन्तर्गत शामिल कर स्थापित किया जाना चाहिए।
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Source: Jodhpur