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संदीप पुरोहित

भारतीय जनता पार्टी ने जन आक्रोश यात्रा एक सोची समझी रणनीति से निकाली है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार को घेरने, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जवाब देने, संगठन को आगामी चुनाव के लिए चार्ज रखने और व्यापक जनसंपर्क के लिए यह यात्रा निकाली गई। पर पार्टी के नेता मूल एजेंडा से भटक गए। पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर के परबतसर में दिए बयान के पीछे उनकी बरसों पुरानी राजनीतिक महत्वाकांक्षा स्पष्ट दिखाई दी। हालांकि खूंटा गाड़ने का जिक्र करते हुए दिए बयान पर उनकी सफाई भी दे दी पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इसे किस तरह देखता है यह भविष्य ही बताएगा।

सारे गेम के पीछे टिकट सियासत है। मारवाड के दो सासंद विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह का लोहावट प्रेम भी छुपा नहीं है। पार्टी के नेता कांग्रेस सरकार को घेरने के साथ साथ अपने एजेंडे पर चल रहे हैं। एक तीर से दो निशाने साधे जा रहे हैं। एक कांग्रेस सरकार पर तो दूसरा हितों की पूर्ति के लिए।

पूरे संभाग में एक के बाद एक हो रही सभा में भाजपा नेता कांग्रेस पर जमकर बरस रहे हैं। पेपर लीक भी बड़ा मुद्दा है। लाडनूं में हुई सभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पेपर लीक का मामला जोर शोर से उठाया तो डीडवाना में कानून व्यवस्था का। विंटेज गाडि़यों से सजा खींवसर महल भी चर्चा में है। यहां भी टिकट राग का अलाप जोर शोर से हो रहा है।

पूर्व मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर इस बार बेटे धनंजय सिंह खींवसर को आगे रखे हुए हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट आरएलपी ने छीन ली थी। सिरोही में पिछले दिनों केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह एक कार्यक्रम में आए। उन्होंने स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा पर कटाक्ष किया कि मुख्यमंत्री किसी सही आदमी को सलाहकार बनाते तो विकास होता।

कांग्रेस भाजपा की आक्रामकता का जवाब नहीं दे रही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जरूर भाजपा को निशाने पर लेते हैं। पाली के सादड़ी में कुछ तीर चलाए भी। स्नेह मिलन समारोह में मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई और प्रवासियों को निवेश का न्यौता दिया। समय के साथ सियासत बदल रही है अशोक गहलोत वाली पीढी के नेता कम ही हैं जो फुल टाइम पॉलेटिक्स करते हैं।

नए साल पर भी नेता छुट्टियां मनाने जैसलमेर और जोधपुर आए। इनमें प्रमुख हैं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हैं। ठाकुर ने भी एक तीर से दो निशाने साधे नया साल भी मनाया और गहलोत सरकार को पेपर लीक मामले में घेरा भी। पर हिमाचल की हार पर खामोश रहे।

Source: Jodhpur

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