Posted on

बाड़मेर जिले में बीते वर्ष हर 21वें घंटे में सड़क हादसे में एक जने की मौत हुई है तो हर 13वें घंटे में एक गंभीर घायल हुआ है। बीते तीन वर्ष के आंकड़ों पर तुलनात्मक दृष्टि से गौर करें तो सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है और हादसे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। सड़क हादसों में मौत का अधिकृत कारण तेज गति व लापरवाही ही बताया जाता है। मौत के इस कारण से कोई भी अनजान नहीं है, लेकिन न तो तेज गति पर अंकुश लग पा रहा है, न ही लापरवाही को कोई नियंत्रित कर पा रहा है।

हादसे कम, मौतें ज्यादा

अधिकृत आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में हादसों की संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। तुलनात्मक रूप से चार हादसे कम हुए, लेकिन हादसों में मरने वालों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ गई। वहीं मृतकों की संख्या 389 से 416 पर पहुंच गई। यह स्थिति तब है, जब हादसों के तुरंत बाद 108 एंबुलेंस की तत्काल सुविधा मिल रही है। और नजदीकी अस्पतालों तक तत्काल पहुंच के चलते कई जानें बच रही हैं।

शाम के समय अधिक हादसे

दुर्घटनाओं के समय के अध्ययन से पता चला कि करीब साठ फीसदी सड़क हादसे शाम के समय अथवा देर रात हो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि शाम के समय यातायात की आपाधापी के चलते हादसे हो रहे हैं। वहीं देर रात होने वाले हादसे तेज स्पीड अथवा शराब पीकर वाहन चलाने से होते हैं। अलसुबह होने वाले हादसों में वाहन चालकों की नींद पूरी नहीं होने के ााबावजूद वाहन चलाते रहने का कारण सामने आया है।

सूनी व सपाट सड़कें

जिले में सड़कों की स्थिति अपेक्षाकृत काफी अच्छी है। मुख्य सड़कें व हइवे सपाट हैं। यातायात का दबाव भी बहुत ज्यादा नहीं है। मेगा हाइवे पर यातायात का दबाव अवश्य है। सूनी व सपाट सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाते समय पशुधन के अचानक सड़क पर आने से वाहन पलटते हैं।

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *