जोधपुर।
साइबर ठगों (Cyber fraud) ने एक बार फिर बैंक खाते और अन्य सेवाओं को केवाइसी (KYC) से तुरंत अपडेट करने व ऐसा न होने पर बैंक खाता व सेवाएं बंद होने के एसएमएस भेजकर राशि ऐंठनी शुरू की है। जबकि केवाइसी अपडेट (Fraud on behalf of KYC update) कभी भी ऑनलाइन (Online fraud) नहीं होते हैं। न ही बैंक या अन्य सेवा प्रदाता इसके लिए कॉल या संदेश भेजते हैं। ऐसे ही झांसा देकर शहर में बीते दिनों एक डॉक्टर सहित एक अन्य व्यक्ति धोखाधड़ी का शिकार हो गए थे और खातों से 7.56 लाख रुपए निकाल लिए गए थे।
मोबाइल हैक कर खुद के कन्ट्रोल में लिया
गत दिनों मथानिया में डॉक्टर के साथ होने वाली साइबर ठगी के मामले में साइबर अपराधियों ने एक ऐप के मार्फत मोबाइल हैक कर लिया था। उसका संचालन डॉक्टर के अलावा अपने हाथ में ले लिया था। मोबाइल में आने वाले संदेश ठग देखने लग गए थे।फिर बैंक के ऐप के मार्फत रुपए निकालने लग गए थे।
अनजान लिंक या एसएमएस की अनदेखी करें
मोबाइल अथवा ई-मेल में अनजान नम्बर से आने वाले संदेश पर कदापि भरोसा न करें। इन संदेश के साथ आने वाले लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
केवाइसी अपडेट ऑनलाइन नहीं हो सकता है….
– केवाइसी अपडेट के लिए जमा कराए आधार कार्ड पर यदि फोटो स्पष्ट नहीं है तो सात-दस दिन में केवाइसी केंसल हो जाता है। सरकारी बैंक या प्राइवेट सर्विस प्रदाता सेवाएं बंद कर देते हैं। ऐसा होने पर ग्राहक को कॉल नहीं किए जाते हैं। एसएमएस भी केवाइसी डिक्लाइन यानि केंसल होने का ही भेजा जाता है। वो सरकारी सेंण्डर की आइडी से एसएमएस आएंगे।
– सरकारी बैंक या निजी सेवा प्रदाता कम्पनी केवाइसी अपडेट न होने पर सेवा बंद कर देने संबंधी एसएमएस कभी भी नहीं करती है।
– केवाइसी अपडेट कभी भी ऑनलाइन नहीं हो सकता है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को रजिस्टर्ड स्थान जाना होगा।
(जैसा कि साइबर एक्सपर्ट प्रिया सांखला ने बताया।)
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केस : 1
दो किस्तों में निकाले 3.24 लाख
शास्त्रीनगर सेक्टर ए निवासी माधोचन्द्र व्यास मोबाइल में आए एसएमएस के झांस में फंस गए थे। एसबीआइ का खाता केवाइसी अपडेट करने का झांसा देकर खाते से दो किस्तों में 3.24 लाख रुपए निकाल लिए गए थे। शास्त्रीनगर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी और आइटी एक्ट में मामला दर्ज किया है।
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केस : 2
डॉक्टर भी झांसे में आए
मथानिया कस्बे में डॉ सुमेर पंवार के मोबाइल में एसबीआइ बैंक खाता केवाइसी से अपडेट करने का एसएमएस मिला। उसमें लिंक पर क्लिक करते ही डॉक्टर का मोबाइल हो गया। डॉक्टर के साथ-साथ साइबर ठग मोबाइल चलाने लगे। उसमें आए ओटीपी ठग को भी मिलने लग गए थे और उसी के मार्फत डॉक्टर के खाते से 4.32 लाख रुपए निकाल लिए गए थे। मथानिया थाना पुलिस जांच कर रही है।
Source: Jodhpur