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बाड़मेर. बाड़मेर जेल में एक बंदी के साथ मारपीट के बाद अन्य बंदी भूख हड़ताल पर उतर आए। जेल में करीब 200 में से आधे से अधिक बंदियों ने खाना-पीना छोड़ दिया। इस बीच बुधवार को पीडि़त बंदी के परिजनों की ओर से प्रार्थना पत्र पेश करने पर कोर्ट के आदेश पर उसका मेडिकल करवाया गया। बंदी का मेडिकल करवाने के लिए एसडीएम बाड़मेर जेल पहुंचे। जिला अस्पताल में बोर्ड से मेडिकल करवाया गया। बंदी एड्स पीडि़त बताया गया है।

मामले के अनुसार गुड़ामालानी पुलिस ने एनडीपीएस प्रकरण में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। वह गत ढाई साल से जेल में है। परिजनों का आरोप है कि रिश्तेदार मिलने गया तो उसे रोक दिया गया। परिजन भी बुधवार को जेल पहुंचे तो जेलर व जेल प्रहरियों ने उन्हें भी मिलने से मना कर दिया। इसके बाद परिजनों ने वकील के माध्यम से कोर्ट में प्रार्थना-पत्र पेश किया। कोर्ट के आदेश पर बंदी का बोर्ड से मेडिकल करवाया गया।

बंदी के साथ मारपीट का आरोप

परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेलर व जेल प्रहरियों का बंदियों के साथ व्यवहार ठीक नहीं है। गत सोमवार को जेलर व उसके 5-6 कार्मिकों ने पीडि़त बंदी के साथ बेल्ट व डंडों से मारपीट की है। मिलने गए तो रोक दिया गया। बीते ढाई माह से बंदी से मुलाकात नहीं करवाई जा रही है।

बंदी का मेडिकल करवाया है

एसडीएम बाड़मेर एसएस भाटी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर जेल में बंद एक बंदी का मेडिकल करवाया गया है। मेडिकल रिपोर्ट उनके पास नहीं आई है।

बंदी के साथ मारपीट जैसा कोई मामला नहीं

एक बंदी के पास संदिग्ध वस्तु प्रतीत हुई थी। इसके कारण कार्मिकों ने उसकी तलाशी ली तो विरोध करते हुए गौली-गलौच करने लगा। कार्मिक बंदी को लेकर उनके पास आए तो उनसे भी अभद्र व्यवहार किया। उसे अलग बैरक में रखा गया। इसके चलते कुछ अन्य बंदी विरोध करने लगे। बंदी के साथ मारपीट जैसा कोई मामला नहीं है। उसका मेडिकल भी करवाया है। रिपोर्ट एसडीएम के पास आएगी।

-रोहित कौशिक, जेलर, कारागार बाड़मेर

Source: Barmer News

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