जोधपुर. मायरा लेकर गैर भी ऐसे आए जैसा कोई अपना लेकर आया हो। उत्साह, उल्लास और उमंग के साथ आए। थाळी में 3 लाख 71 हजार रुपए दिए। साफा पहनाया और जैसे ही चुनरी ओढ़ाई माहौल बेहद भावुक हो गया। ये रिश्ता सिर्फ मानवीय मूल्यों का था। इसलिए भावुक होना तो लाजिमी था।
दरअसल, पावटा िस्थत हनुवन्त राजपूत छात्रावास पिछले कई दिन से एक बेटी के विवाह की तैयारियां चल रही थी। हर कोई छात्र इस कदर जुटे हुए थे मानो उनकी बहन का विवाह हो। कोई पैसों का बंदोबस्त करने में लगा था तो कोई दहेज के सामान की खरीददारी करने में लगा था। वे अपने छात्रावास में कार्यरत सफाईकर्मी संतराम की बेटी की शादी में जुटे थे। रविवार को उन्होंने गाजे-बाजे से मायरा भरकर सामाजिक समरसता का अनूठा संदेश दिया। मायरा भरने छात्रावास के वर्तमान और पूर्व छात्र सफाईकर्मी के घर पहुंचे। मारवाड़ की परम्परा के अनुरूप सफाईकर्मी को साफा पहनाकर नेग के रूप में 3 लाख 71 हजार रुपए थाळ में भेंट किए। सफाईकर्मी की पत्नी को चुनरी ओढ़ाकर धूमधाम से परम्पराओं का निर्वहन किया।
पूर्व छात्र डॉ. सवाई सिंह सारुण्डा ने बताया कि संतराम की तीन पीढ़ीयां छात्रावास में सफाईकर्मी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में सभी छात्रों का उनकी बेटी के विवाह में सहयोग करने का निर्णय लिया। मायरे में 3,71,000 रोकड़ रुपए, घरेलू सामान, फर्नीचर व हनुवंत एजुकेशन सोसाइटी की ओर से 51 हजार रुपए का चेक दिया गया। इस अवसर पर सोसायटी अध्यक्ष डॉ. शिव सिंह राठौड़, समाजसेवी समुन्द्र सिंह नोसर ,पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविन्द्र सिंह राणावत, पूर्व उपाध्यक्ष जेएनवीयू चंद्रवीर सिंह बड़ला, भाजयुमो जिलाध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह सिसोदिया, जेएनवीयू अध्यक्ष अरविंद सिंह भाटी, डॉ.सवाई सिंह सारुण्डा, शिवदत्त सिंह बडला, जितेंन्द्र सिंह भांडु , दिलीप सिंह शिवपुरा समेत कई छात्र मायरा भरने शामिल हुए।
बहन मान की तैयारियां, जुटाई राशि
छात्र संतराम की बेटी के विवाह में सहयोग बढ़चढ़ कर आगे आए। उन्होंने खुद के बहन की शादी की तरह तैयारियां शुरू की। सभी छात्रों ने नकद पैसा जुटाया। दहेज के लिए खरीददारी की। तैयारियों में संतराम का हाथ बंटाया। मायरा भरने के लिए पूर्व छात्रों का भी इसमें सहयोग भी लिया गया। उन्हों भविष्य में भी सहयोग का भरोसा दिया।
Source: Jodhpur