Posted on

हर्षवर्धन सिंह भाटी/जोधपुर. बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट्स में अभिनेता आर माधवन की ओर से निभाया गया फरहान कुरैशी का किरदार उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत बन गया जो अपनी प्रतिभा को भूलकर परिजनों की इच्छा के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता है और फिर अपने पसंद की जॉब में सफलता अर्जित करता है। कुछ ऐसी ही कहानी है जोधपुर के युवा वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अभिनव त्रिवेदी की। परिजनों की इच्छा के चलते अभिनव ने इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया लेकिन मन फोटोग्राफी में लगा रहा। पढ़ाई के साथ अपनी हॉबी को समय देते रहे और बाद में इसे ही प्रोफेशन के तौर पर चुन लिया। अभिनव ने बताया कि उन्हें प्रकृति से हमेशा से ही जुड़ाव रहा है। ऐसे में इसी से जुड़े रहने और अपनी हॉबी को आगे बढ़ाने के लिए वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी से बेहतर विकल्प नहीं लगा।

फोटोग्राफी की शुरुआत पिता के कैमरे से की। आसपास के पशु-पक्षियों की फोटोज क्लिक करने पर यह रुचि बढऩे लगी। कॉलेज की क्लासेज से बंक मारकर वह राव जोधा पार्क में पक्षियों की फोटोज खींचने लगे। उनके एक मित्र ने भी अपना कैमरा देकर सहायता की। साथ ही ऑनलाइन मैग्जीन में फोटोज पब्लिश होने लगे और हौसला बढ़ता गया। इस दौरान वन्यजीवों को समर्पित संस्था पीटा के साथ भी वन्यजीव संरक्षण के लिए कार्य किया। उनकी खींची तस्वीरें नेशनल ज्योग्राफिक में भी फोटोज फीचर हुई हैं।

पारिस्थितिकी तंत्र सुधारने में सहायता
पढ़ाई पूरी होने के बाद अभिनव ने फ्रीलांसिंग फोटोग्राफी की शुरुआत की। जवाई क्षेत्र में तेंदुए संरक्षण से जुड़े लोगों का साथ मिला। यहीं पर उनकी रुचि वन्यजीवों में अधिक बढऩे लगी। यहां कार्य करते हुए बड़ी बिल्लियों को समझने का मौका मिला। यहीं से फिर उत्तराखंड में अर्ध सरकारी संस्था से जुड़ कर वहां की पारिस्थितिकी तंत्र को पुनरू सुधारने के लिए कार्य में जुट गए। बिलौरी गांव में पिछले डेढ़ साल से अभिनव फोटोग्राफी के माध्यम से इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं।

खाद्य शृंखला मजबूत होना जरूरी
अभिनव ने बताया कि यहां वह ईको-सिस्टम बैलेंस करने में भी सहायता प्रदान कर रहे हैं। मधुमक्खी पालन, मछली पालन सहित कीट-पतंगों, सांपों और चिडिय़ाओं के संरक्षण में कार्यरत है। जो प्रकृति की खाद्य शृंखला को मजबूत करने में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र सुचारू होने से गांव के रहवासियों के लिए कमाई के नए साधन सामने आएंगे। एक अंतरराष्ट्रीय मैग्जीन के लिए पोलो की तस्वीरें लेने आए अभिनव जेएनवीयू के जियोलॉजी विभाग से सेवानिवृत पिता डॉ सुनील त्रिवेदी, माता सुनीता त्रिवेदी और आर्टिस्ट बहन अंकिता को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं।

Source: Jodhpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *