समदड़ी। इस बार रबी की फसलें पकने के दौरान पल पल बदलता मौसम किसानों के लिए आफत बन गया है । इस वजह से किसान भागदौड़ में लगे हुए हैं। मौसम साफ नहीं हो रहा है। इन दिनों कृषि कुओं पर जीरा, रायड़ा, ईसबगोल व मेथी आदि फसलें पकने के मुहाने खड़ी हैं। जीरे की आगत फसल की कटाई का दौर भी शुरू हो चुका है । गत दिनों दो बार आए तेज अन्धड़ से खेतों में खड़ी ईसबगोल की फसल को नुकसान हुआ है।
सिट्टों का दाना गिरा
आलम यह है कि गत दिनों आए तेज अंधड़ से पकी हुई ईसबगोल में सबसे अधिक खराबा हुआ है। तेज हवाओं के झौकों से ईसबगोल के पके सिट्टों से बीज जमीन पर बिखर कर धूल में समा गए है। गेंहू की फसल भी हवाओं से जमीन पर लेट गई । आगत जीरा, मेथी व रायड़ा आदि फसलों में भी खराबा देखा गया है । इससे किसानों को नुकसान सहना पड़ रहा है।
फसल एकत्र करने में जुटे किसान
आसमान बादलों से घटाटोप बना हुआ है । तेज हवाओं का दौर भी चल रहा है । इस बीच दिन रात किसान जीरा व ईसबगोल आदि फसलों की कटाई कर उन्हें सुरक्षित करने में लगे हुए है । किसानोें को आशंका है कि बरसात हो गई तो किसानों की पूरी मेहनत बेकार चली जाएगी ।
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गत दिनों तेज अंधड़ आने से पकी ईसबगोल की 50 प्रतिशत फसल चौपट हो गई। इससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है । अब वापस मौसम बदलने से किसान परेशान हैं।
– रणछोड़राम चौधरी, किसान, रानीदेशीपुरा।
पूर्व में ही फसलों में खराबा हो चुका है। सबसे अधिक ईसबगोल में नुकसान हुआ है। राज्य सरकार मुआवजा देकर किसानों को सम्बल प्रदान करें।
– सांवलराम भूरिया किसान समदड़ी।
तेज आंधी व हवाएं चलने से गत दिनों ईसबगोल फसल में करीब 15 फीसदी नुकसान हुआ है। अभी मौसम में बार बार बदलाव होने से किसानों को कटी फसलेंं ढक कर रखने व उन्हें सुरक्षित करने की सलाह दी गई है। किसान खराबे की तत्काल सूचना टोल फ्री नंबर 18004196116 पर दे सकते हैं।
– दुदाराम बारूपाल, सहायक कृषि अधिकारी, समदड़ी।
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Source: Barmer News