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इंदिरा गांधी कैनाल क्लोजर : पीएचईडी ने रणनीति कारगर रही तो इस बार नहीं झेलना पड़ेगा पेयजल संकट

जोधपुर. जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) ने इंदिरा गांधी कैनाल नहरबंदी के दौरान शहर को पेयजल संकट से बचाने के लिए 206 दिन में 26 शटडाउन से 15 दिन के पानी का इंतजाम किया है। 65 दिन की नहरबंदी के दौरान केवल 10 दिन जलापूर्ति पूरी तरह बंद रहेगी। कुल मिलाकर 10 दिन का पेयजल संकट है और पीएचईडी के पास 15 दिन के पानी का पूरा इंतजाम है। पीएचईडी के पानी बचाने की यह रणनीति कारगर रही तो इस बार पेयजल संकट का अहसास भी नहीं हो पाएगा।

पीएचईडी के अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल नहरबंदी के दौरान गहराए पेयजल संकट से सबक लेकर इस बार संकट निवारण की पूरी तैयारियां पहले से ही कर ली गई। एक सितंबर से हर दसवें दिन एक शटडाउन से कायलाना-तख्तसागर तथा सुरपुरा बांध में पानी का संचय शुरू कर दिया था। ये तीनों जलाशय सोमवार शाम तक 97 प्रतिशत भर चुके हैं। 26 मार्च तक ये लबालब हो जाएंगे।
पंद्रह दिन के पानी का स्टॉक
कायलाना-तख्तसागर और सुरपुरा शहर के तीन जलाशय है, जहां नहर का पानी संचय करके शहर को जलापूर्ति की जाती है। इन तीनों जलाशयों में शहर की 15 दिन की आवश्कता का पानी रह सकता है। तीनों जलाशय लबालब भर जाने के बाद 15 दिन शहर की प्यास बुझाई जा सकती है।

पांच से सात दिन में पहुंचता पानी
पंजाब से इंदिरा गांधी नहर का पानी जोधपुर पहुंचने में पांच से सात दिन लगते हैं। ऐसे में दस दिन नहर में सप्लाई पूरी तरह बंद रहेगी तो जोधपुर तक जलापूर्ति में समय लगेगा।

पीएचईडी का जल प्रबंधन
– इंदिरा गांधी नहर क्लोजर को पांच दिन घटाकर 60 दिन किया जा सकता है।

– ऐसी स्थिति में 20 दिन तक पानी पंजाब से सप्लाई बंद किए जाने के बाद भी आता रहेगा।
– आंशिक नहरबंदी के दौरान भी 35 दिन में भी पानी की आवक जारी रहेगी।

– इंदिरा गांधी नहर में पोंडिंग से रोके गए पानी से कुछ दिन 10-15 दिन के पानी की पूर्ति की जा सकती है।
– कुल मिलाकर शहर में नहर का पानी केवल दस दिन नहीं आएगा। इसमें पांच-सात दिन पानी पहुंचने की अवधि भी जोड़ दी जाए तो पेयजल संकट 15 दिन से ज्यादा नहीं रहेगा।

– नहरबंदी के दिन से 15 दिन के पानी का इंतजाम कायलाना-तख्तसागर और सुरपुरा में रहेगा।
जलाशयों की क्षमता
कायलाना-तख्तसागर : 341.95 एमसीएफटी पानी।

सुरपुरा : 94.3 एमसीएफटी पानी।
शहर को चाहिए रोजाना पानी : 13 से 15.75 एमसीएफटी।

इंदिरा गांधी कैनाल क्लोजर

26 मार्च से 29 मई तक इंदिरा गांधी नहरबंदी।
35 दिन आंशिक नहरबंदी।

30 दिन पूर्ण नहरबंदी।

पीने के पानी का संकट
10 जिलों में पेयजल और सिंचाई व्यवस्था होगी प्रभावित।

49 शहरों में गहरा सकता है पेयजल संकट।
829 गांवों में पीने की पानी की व्यवस्था करनी पड़ेगी।

यहां गहरा सकता पेयजल संकट
बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर तथा बाड़मेर। सीकर तथा झुंझुनू आंशिक रूप से प्रभावित।

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आपात स्थिति में ट्यूबवेल की स्वीकृति

पश्चिमी राजस्थान पीने के पानी और सिंचाई के लिए इंदिरा गांधी नहर पर आश्रित है। साफ-सफाई और रख-रखाव के लिए 65 दिन नहरबंदी के दौरान संभावित पेयजल संकट काे देखते हुए जल के भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पश्चिमी राजस्थान में नहरबंदी के दौरान कहीं पीने के पानी का संकट पैदा नहीं होगा। तमाम प्रयासों के बावजूद यदि कहीं कोई दिक्कत पैदा हुई तो तुरंत ट्यूटवेल खुदवाने की स्वीकृति है।
– नीरज माथुर, मुख्य अभियंता, पीएचईडी, जोधपुर

Source: Jodhpur

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