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प्रशासन ने की तत्काल कार्यवाही, एडीएम को सौंपी गई है जांच, भू अभिलेख से संबंधित थे दस्तावेज
कलक्ट्रेट से दस्तावेज गैर इजाजत पहुंचे बाहर, दो कार्मिक एपीओ
सीसीटीवी कैमरे में दिख गए दस्तावेज ले जाते

बाड़मेर. कलक्ट्रेट के भू अभिलेख के दस्तावेजों को बिना अधिकारिक अनुमति के निजी दुकान पर पहुंचाकर स्कैन करने औैर भू अभिलेख से जुड़ी दुकानदारी को पनपाने के मामला प्रकाश में आया है। इसमें जिला प्रशासन ने प्रभारी सहित दो कार्मिकों को हटाया गया है। अतिरिक्त जिला कलक्टर को इसकी जांच सौंपी गई है।

जिला कलक्ट्रेट बाड़मेर में भू अभिलेख से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कार्मिकों ने बिना अधिकारिक अनुमति के कार्यालय से ले जाकर एक दुकानदार तक पहुचा दिए। इस दुकानदार ने कंप्यूटर पर इनको स्कैन कर लिया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। भू अभिलेख दस्तोवजों के जरिए जमीन नापने की दुकानदारी में यह खेल खेला जा रहा है। इन दस्तावेजों के जरिए बाद में ये दुकानदार आम आदमी से मोटी रकम वसूलकर उसके जमीन की पैमाइश करके देते है और इस दुकानदारी में कई मौजूदा व सेवानिवृत्त राजस्व विभाग से ताल्लुक रखने वाली कार्मिक शामिल है।

दस्तावेज पहुंचे बाहर

बीते दिनों ऐसा ही एक घटनाक्रम हुआ, जिसमें भू अभिलेख के बॉर्डर की तहसीलों से जुड़े दस्तावेज कार्मिकों ने बिना अधिकारिक अनुमति के बाहर भेज दिए। यहां इनको स्कैन कर वापस लाया जाने लगा। निजी दुकानदार इसका इस्तेमाल अपने हिसाब से करने की आशंका है।

प्रशासन ने लिया एक्शन

दस्तावेज कलक्ट्रेट के बाहर जाने की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने इसका तत्काल एक्शन लिया और अतिरिक्त जिला कलक्टर सुरेन्द्रसिंह पुरोहित ने जांच प्रारंभ करते हुए संबंधित कार्मिकों को तुरंत ही बुलाकर पूछताछ शुरू की। जानकारी अनुसार पहले तो कार्मिक इससे मुकर गए लेकिन सीसीटीवी फुटेज में सारी स्थिति सामने आ गई। अपुष्ट सूचना के पांव नजर आते ही प्रशासन ने इसको लेकर कार्यवाही करते हुए मामले की जांच प्रारंभ की है। जानकारी अनुसार इसमें शाखा प्रभारियों का भी बदलाव किया गया है।

दो को किया एपीओ

प्रभारी अचलाराम प्रजापत व पटवारी अर्जुन भारी को एपीओ किया गया है। इस मामले की आगे की जांच की जा रही है।- सुरेन्द्रसिंह पुरोहित, अतिरिक्त जिला कलक्टर

क्या करें आम खातेदार

शिव में उपखण्ड अधिकारी ने एक आदेश किया कि जमीन की पैमाइश की जाए। अब इस आदेश को हासिल करने में आम खातेदार को समय लगा। इसके बाद वह संबंधित भू अभिलेख के पास पहुंचा तो उसका कहना है कि अभी मेरे पास समय नहीं है। इसमें आदेश हुआ है अभी चार-पांच महीने लगेंगे। जागरूक व्यक्ति ने एसडीएम को कॉल किया तो वे भी इसकी ताईद कर रहे थे कि हां,समय लगेगा। अभी हमारे पास दूसरे काम ज्यादा है। अब आम खातेदार राजस्व की इन दुकानदारियों के चक्कर में पड़कर अपनी पैमाइश करवाने की सोचता है।

यहां दुकानदारी पर पहुंचते ही उसको पांच हजार गाड़ी किराया और अन्य खर्चे बताकर आठ से दस हजार रुपए देने की स्थिति बन जाती है। जमीन नपवाने में कई बार खातेदार के साल-दो साल नप जाते है।

Source: Barmer News

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