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जोधपुर।

आधुनिक युग में ईश्वर-अल्लाह के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए पूजा-आराधना के तौर-तरीकों में भी बदलाव आया है। हर समुदाय में अब भगवान की पूजा-इबादत में तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है। वर्तमान में चल रहे रमजान के महिने में अल्लाह की बारगाह में पांचों वक्त अजीजी व इन्तेसारी (प्रार्थना) का दौर चल रहा है। नौजवान हो या मुस्लिम बच्चियों के साथ उनके माता-पिता, अल्लाह की इबादत को लेकर हाईटेक नजर आने लगे है। अकीदतमंद तस्बीह (माला) की जगह अब हैण्ड काउंटिंग फिंगर मशीन से अल्लाह का नाम जप रहे है।

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मोबाइल व टेबलेट

घरों में इबादत करने वाली बच्चियां अपनी मां और बहनों के साथ और मस्जिदों में इबादत करने वाले नौजवान अपने भाई, दोस्त व पिता के साथ हैण्ड काउन्टिंग फिंगर मशीन के साथ ही कुरआन की तिलावत भी मोबाइल-टेबलेट के माध्यम से करते हुए नजर आ रहे है। साथ ही, तकरीर व नाते कलाम को अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से माध्यम से रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से शेयर करते हुए हाइटेक नजर आ रहे है।

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इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग सफर में जैसे रेल या बस में करते हैं, तो कोई हर्ज नहीं है। लेकिन जहां तक संभव हो इबादत को मस्जिद में मौजूद तस्बीह या कुरआन मजीद से करने में ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए।

काजी मोहम्मद तैयब अंसारी,

शहर खतीब व पेश इमाम जोधपुर

Source: Jodhpur

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