जोधपुर /हरियाढाणा/ पीपाड़सिटी. उपखंड क्षेत्र के मादलिया गांव में खाखीजी के धूणे के महंत शंकरदास महाराज के देवलोक होने पर बुधवार को निकली बैकुंठ यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मादलिया गांव के मुख्य मार्गों से निकली इस यात्रा में ग्रामीणों ने भाग लेते हुए महंत को श्रद्धांजलि दी। मादलिया के खाखीजी के धुणे के मंहत शंकरदास महाराज मंगलवार को ब्रह्मलीन हुए थे। बुधवार सुबह मंहत की बैकुंठ महाप्रयाण यात्रा गाजों बाजों के साथ खाखीजी के धूणे से रवाना होकर चौकीदारों का बास, सदर बाजार हनुमान चौक होते हुए सुथारों का बास से बस स्टैंड से पुन: धूणे के पीछे नाडी की पाल पर पहुंची।
चंदन,पीपल की लकड़ी से वैदिक मंत्रोचार के साथ विभिन्न रीति-रिवाजों के अनुसार महंत की पार्थिव देह को पंचतत्व में विलीन किया गया। उत्तराधिकारी घनश्यामदास महाराज ने गुरु को मुखाग्नि प्रदान की। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा की तो महिलाओं ने भक्ति व मंगल गीत गाते हुए महंत को अंतिम विदाई दी। खाखीजी के धूणे के उत्तराधिकारी संत घनश्याम महाराज, रामस्नेही रामद्वारा के मंहत रामस्वरूप,युवासंत कल्याण रामस्नेही,पूर्व आरएएस अधिकारी शैतानसिंह राजपुरोहित, जितेन्द्रसिंह निम्बोल,पूर्व उप प्रधान उम्मेदसिंह, पूर्व सरपंच भूराराम खदाव, सरपंच जीवनराम सोलंकी, महेंद्र दाधीच, नवीन शर्मा, सोहनलाल वैष्णव, छोटूराम देवासी, उपसरपंच बुधाराम चौकीदार सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बेंकुठी यात्रा में भाग लिया ।निसँ
रात भर चलता रहा कीर्तन
महंत के ब्रह्मलीन होने की सूचना मिलने पर गांव में चूल्हे तक नही जले,व महिलाएं रात भर बगेची के बाहर बैठकर कीर्तन करती रही। अंत्येष्टि में लवारी, धनापा, बड़गांव, उदेश नगर, इंदावड़, खाखड़की, पाचडोलिया आदि गांवों से हजारों की तादाद में अनुयायी पहुंचे। दक्षिण भारत के विभिन्न प्रांतों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
अंतिम यात्रा में साधु संत भी पहुंचे
खाखीजी के धूणे के महंत शंकरदास महाराज की महाप्रयाण यात्रा में महंत बालक दास महाराज, सबलदास महाराज,जोगरामदास पाली, श्यामदास गिराददा, पूर्णदास गणेशनाडा, माखन दास ब्रह्मधाम, लक्ष्मण दास संवतरी, रामकुमारदास पीपाड़ रोड, पूर्ण गिरी देवातड़ा, ओंकारदास पीपाड़ सिटी,नंदेश्वर सरस्वती रावनियाना, कमलदास पोखरिया, रामस्वरूप रामस्नेही, सेवाराम घोड़ावट, माधवदास नोखा, तिलक राम पीपाड़, लक्ष्मण दास सुकड़ नाड़ी, रामनारायाणदास, विश्राम दास पीपाड़ सिटी, रामानंद महाराज श्यामा नाडा सहित सैकड़ों महन्त व सन्त शामिल हुए।
Source: Jodhpur