यहां उधार के आवास में एसडीएम, किराए पर रहते है तहसीलदार
अधिकारियों के लिए नहीं है सरकारी आवास
सिणधरी. उपखंड मुख्यालय पर स्थानांतरण होकर आने वाले अफसरों व अन्य कार्मिको को सरकारी आवास की सुविधा लंबे अरसे बाद भी नहीं मिल पा रही है। सरकार ने विभिन्न कार्यालय तो खोल दिए लेकिन कार्यालय में पदस्थापित होने वाले अधिकारियों व अन्य कार्मिकों के लिए नए सरकारी आवास नहीं बनाए। ऐसे में अधिकारियों को किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है। उपखंड अधिकारी तहसीलदार उपखंड के मुख्य अधिकारी होने के बावजूद भी आज तक किराए के मकानों में रह रहे हैं। मुख्य अधिकारियों को भी सरकारी आवास नसीब नहीं हुए हैं । वर्षों पूर्व यहां पर तहसील कार्यालय उपखंड कार्यालय स्थापित हुए थे लेकिन अधिकारियों के रहने के लिए आवास का निर्माण आज दिन तक नहीं हो पाया है।
बिजली विभाग के आवास में एसडीएम, किराए पर तहसीलदार- पत्रिका पड़ताल में उपखंड के मुख्य अधिकारी उपखंड अधिकारी विद्युत विभाग के 133 केवी स्टेशन में बने एक निजी आवास में रहते हैं। तहसीलदार भी किराए के मकान में निवास कर रहे हैं। नायब तहसीलदार, कानूनों अधिकारी ,उपखंड अधिकारी, रीडर सहित अधिकारी किराए के मकानों में निवास कर रहे है।
दो दशक पहले बनी तहसील, एक दशक पहले उपखंड
वर्ष 1999 में सिणधरी को उप तहसील का दर्जा मिला था। जिसके बाद 2012 में तहसील का दर्जा मिला तहसील का भवन भी 2016 में बन गया लेकिन 13 साल बाद भी तहसीलदार को सरकारी आवास नसीब नहीं हुआ। 2013 में सिणधरी को उपखंड का दर्जा मिला। उपखंड का भवन 2018 में बनकर तैयार होकर संचालित भी कर दिया। आज दिन तक 10 वर्ष बाद भी उपखंड अधिकारी को रहने के लिए सरकारी आवास नसीब नहीं हो पा रहे हैं। अन्य कार्मिकों को रहने के लिए निर्धारित क्वार्टर नहीं है।
Source: Barmer News