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जोधपुर।

सरकार ने परिवहन विभाग को स्मार्ट कर प्रदेश में विभाग को पेपरलेस करने की घोषणा तो कर दी, लेकिन अधिकारिक आदेश नहीं पहुंचने से विभाग पेपरलेस वर्किंग मोड में नहीं आ पा रहा है। इस वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत वाहनों के लाइसेंस व आरसी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने में आ रही है। एक तो वाहनों के ई-लाइसेंस व ई-आरसी सर्टिफिकेट जारी नहीं हो रहे। वहीं, दूसरी ओर पूरे प्रदेश में स्मार्ट कार्ड प्रिंट करने वाली निजी कम्पनी ‘रोजमार्टा’ का परिवहन मुख्यालय के साथ टेण्डर की मियाद पूरी होने के कारण 1 अप्रेल से नए कार्ड जारी नहीं हो रहे है। इससे जनता परेशान है व विभाग के चक्कर लगा रही है।सूत्रों के अनुसार, कंपनी का विभाग में 10 करोड़ रुपए के लगभग बकाया है। मुख्यालय की ओर से टेंडर की मियाद भी नहीं बढ़ाई जा रही है और भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। इसलिए कंपनी स्मार्ट कार्ड नहीं भेज रही है।

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तीन-चार माह से किल्लत

विभाग में पिछले साढ़े तीन- चार महीनों से स्मार्ट कार्डों की ज्यादा किल्लत चल रही है। ड्राइविंग लाइसेंस, ट्रांसपोर्ट-नॉन ट्रांसपोर्ट, निजी व गुड्स, पैसेंजर वाहनों के ट्रांसफर, पंजीयन, डुप्लीकेट आर. सी. , पंजीयन नवीनीकरण आदि कार्य ठप्प पड़े है। विभाग फीस व टैक्स ले रहा है लेकिन कार्य कुछ भी नही हो रहा है।

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इस कैटेगरी में इतनी पेंडिंग

– 3500 ड्राइविंग लाइसेंस ।

– 6500 नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल ।

– 3200 ट्रांसपोर्ट व्हीकल ।

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पेपरलेस प्रक्रिया जल्द जारी होगी। स्मार्ट कार्ड की पेंडेंसी को लेकर मुख्यालय को बार-बार अवगत करा रहे है।रामनारायण बडगुजर, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी

जोधपुर

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विभाग में स्मार्ट कार्डो की कमी का रोना हमेशा से रहा है। लाइसेंस व पंजीयन के कार्यो की पेंडेंसी विभाग के लिए कोई नई बात नहीं है। जिम्मेदारों को इसका स्थाइ हल निकालने के प्रयास करने चाहिए, ताकि विभाग में आने वाली जनता परेशान न हो।

सैयद ताहिर अली, अध्यक्ष

सूर्यनगरी यातायात सलाहकार समिति

Source: Jodhpur

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