बाड़मेर. विजय दिवस (vijay divas 1971) हम सभी के लिए गौरव का दिन है। बाड़मेर बॉर्डर के लिहाज से महत्वपूर्ण है। बाड़मेर का योगदान हमेशा गौरवशाली रहा है। देश पर जब संकट आया है, तब भारतीय जवानों ने मुहतौड़ जबाव दिया है। जवानों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यह बात रविवार को वीर शहीदों की याद में आयोजित विजय दिवस समारोह में जालीपा ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर सलिल सेठ ने शहीद (martyrs) स्मारक पर कही।
कार्यक्रम में वायुसेना, सेना, सीमा सुरक्षा बल व पुलिस के जवानों व अधिकारियों के साथ गौरव सैनिकों, प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व शहरवासियों ने जवानों की वीरता को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
बीएसएफ डीआईजी गुरपालसिंह ने कहा कि 16 दिसम्बर 1971 का दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास का गौरवशाली दिन है। हमारे देश ने इस दिन युद्ध के मैदान में एक मिसाल कायम की। बीएसएफ हमेशा सामाजिक सरोकार व आपसी सामंजस्य के साथ काम कर रही है।
वायुसेना गु्रप कैप्टन सुरेशकुमार ने कहा कि जब भी दुश्मन से सिर उठाकर नापाक हरकत करने का प्रयास किया है, तब-तब मुहंतोड़ जबाव दिया है। उन्होंने कहा कि हमें सैनिकों की भावनाओं के अनुरूप हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए।
जिला कलक्टर अंशदीप ने कहा कि देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों के घर पर आने वाली प्रत्येक समस्या का सामाजिक व आर्थिक परिस्थितियों में आम जन को सदैव सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों, गौरव सेनानियों से संबंधित समस्याओं व सुविधाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर व संवेदनशील है। जिला पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने कहा कि भारत देश में ऐसे यौद्धाओं का जन्म हुआ है, जिन्होंने दुश्मन की कनपटी पर रिवाल्वर तानकर 20 मिनट का समय दिया और दुश्मनों से आत्मसमर्पण कर दिया।
उन्होंने कहा कि हमें ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से वीर सैनिकों की शहादत को याद करके उनके परिजनों को संबल प्रदान करते रहना चाहिए। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष कैप्टन हीरसिंह भाटी ने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी विजय दिवस का कार्यक्रम आयोजित हुआ।
उन्होंने 1965 व 71 में हुए युद्ध पर प्रकाश डाला। इस मौके पर जिला प्रमुख डॉ. प्रियंका मेघवाल, सभापति दिलीप माली सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया। संचालन डॉ. जसवंतसिंह मायला ने किया।
वार म्यूजियम की उठी मांग, कलक्टर ने किया आश्वस्त
बाड़मेर रावत त्रिभुवन सिंह ने वीर शहीदों की शहादत को याद करते हुए कहा कि तीनों सेनाओं के सैनिक ,अर्धसैनिक इस देश की शान हैं। सैनिक ही इस देश का गर्व व गौरव हैं। उनसे ही इस देश की रक्षा की परिकल्पना की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों के सम्मान के लिए जिला प्रशासन, नगर परिषद को प्रथम प्राथमिकता से कार्य करना चाहिए।
उन्होंने सैनिकों के परिजनों से संबधित विभिन्न मांगों समस्याओं को मंच के माध्यम से प्रशासन के सामने रखा। कार्यक्रम रावत त्रिभुवनसिंह, पूर्व छात्रसंघ रघुवीरसिंह तामलोर, समाजसेवी प्रेमाराम भादू ने सम्बोधन में बाड़मेर में वार म्यूजियम को लेकर जिला कलेक्टर अंशदीप के सामने मांग रखी। इस पर कलक्टर ने सहमति देते हुए हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि जल्द से जल्द इसकी प्रक्रिया शुरू होगी।
शहीदों के सम्मान में भावुक हुए लोग
शहीद परिवारों का सम्मान अधिकारियों द्वारा किया। तब उनकी वीरता की गाथाएं सुनकर हर कोई अचंभित रह गया। इस दौरान शहीद भीखाराम, उगमसिंह राठौड़, धर्माराम की वीरता सुनकर सबकी आंखें भर आईं वही पूरा माहौल देश भक्तिमय नारों से गुंजायमान हो गया। इस मौके पर शहीद परिवारों का सम्मान हुआ।
यह रहे मौजूद
कार्यक्रम कमांडेंट नरेश चतुर्वेदी, कमांडेंट प्रदीप कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खींवसिंह, बाल सिंह राठौड़, कैप्टन खींमाराम, उपसभापति सुरतानसिंह, समाजसेवी किशोर सिंह कानोड़, वीर सिंह सोढा, द्वितीय कमान अधिकारी पारसमल जीनगर, राकेश कुमार, निखिल जैन, प्रवीण सिंह, अनूप सिंह भाटी, सद्दाम हुसैन, दलपतसिंह सहित कई जने मौजूद रहे।
Source: Barmer News