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जोधपुर। साफा, बंधेज, मोजड़ी, कोट और विशेष खानपान। इन सभी खासियतों के लिए विख्यात जोधपुर को अब एक और उत्पाद नई पहचान दिलाएगा। शहर के फुटवियर डिजायन एंड डेवलममेंट इंस्टीट्यूट (एफडीडीआई) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आधुनिक मशीनों के जरिए ना केवल जूतों के लिए मेटेरियल बनेगा, बल्कि जूतों की क्षमता, विश्वनीयता, टिकाऊपन व आराम पर शोध भी होगा। सैनिकों के लिए भी ऐसे जूते बनाए जाएंगे, जो सिचाचिन के गलाने वाले तापमान से लेकर थार की झुलसाने वाली गर्मी के मौसम में भी पैरों के लिए आरामदायक हों। थ्री डी स्कैनर व प्रिंटिंग मशीन से ऑर्थोपेडिक व प्रोस्थेटिक जैसी समस्या से पीड़ित लोगों के लिए अनुकूल फुटवियर डिजायन तैयार किए जा सकेंगे। इन सभी कार्यों के लिए सेंटर पर मशीनें लग चुकी हैं। अब इनके विधिवत उद्घाटन का इंतजार है।

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स्कैनिंग से जानेंगे पैर का दबाव

सेंटर के सुनील चौहान ने बताया कि फ्लैट फुट जैसी समस्या में पैर का तलवा पूरी तरह जमीन के संपर्क में आ जाता है। ऐसे में थ्री डी फुट स्कैनर पर स्कैनिंग से पता चलेगा कि अधिक दबाव कहां पड़ रहा है। कहां आर्च लगाई जा सकती है। दूसरी थ्री डी मशीन में इलेक्ट्रिकल मेटेरियल पर व्यक्ति को चलाकर रीडिंग मापी जाएगी। इसके बाद पैर के अनुकूल जूते का सोल बनाया जाता है। वहीं दिव्यांग, पोलियोग्रस्त या पैरों की अन्य परेशानियों से पीड़ित लोगों के लिए भी विशेष तौर पर जूते डिजाइन किए जा सकेंगे।

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एफडीडीआई में मेडिकल, इंडस्ट्रीज व सेना के लिए स्पेशल जूतों का रिसर्च होगा। लैब इंडस्ट्रीज व मेडिकल में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के चिकित्सकों के रिसर्च में भी उपयोगी साबित होगी।

निधि शर्मा, पीआरओ, एफडीडीआइ

Source: Jodhpur

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