लम्पी वायरस का खतरा एक बार फिर गोवंश पर मंडराने लगा है। कई जिलों में गोवंश में वायरस की मौजूदगी मिलने के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है। साथ ही जिलों में गोवंश के टीकाकरण के निर्देश दिए गए है। बाड़मेर जिले में गोवंश के टीकाकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस बीच बाड़मेर में लम्पी के लक्षणों वाले गोवंश मिलने पर दो सैम्पल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।
बरसात के सीजन के दौरान लम्पी के फैलने का खतरा ज्यादा हो जाता है। कई जिलों में वायरस से पीडि़त गोवंश मिल रहा है। खतरे को देखते हुए विभाग ने पहले से ही वैक्सीनेशन का प्लान बनाते हुए सभी जिलों को निर्देश दिए है। जिससे वायरस से बचाव किया जा सके। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष बड़ी संख्या में गोवंश लम्पी का शिकार हुआ था। इसके चलते पशुपालन विभाग ने मई में ही गाइडलाइन जारी करते हुए वैक्सीनेशन भी शुरू करवा दिया है।
ब्लॉक स्तर पर लगाई रेपिड रेस्पोंस टीमें
बाड़मेर जिले में पशुपालन विभाग की ओर से ब्लॉक स्तर पर रेपिड रेस्पोंस टीमें लगाई गई है। टीमें पूरे क्षेत्र पर नजर रखे हुए है। साथ ही कहीं कोई पशु बीमार मिल रहा है तो उसका तुरंत उपचार किया जा रहा है। बाड़मेर जिले में लम्पी जैसे लक्षण के मामले मिलने पर विभाग ने दो नमूने भोपाल की लैब को भेजे गए है। नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है।
25 मई से किया वैक्सीनेशन शुरू
पशुपालन विभाग ने जिले में 25 मई से गोवंश का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है। संयुुक्त निदेशक ने बताया कि 29 मई तक जिले में कुल 25 हजार 400 पशुओं को गॉट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा चुकी है। बचाव के लिए विभाग के टीकाकरण अभियान : लम्पी स्किन डिजीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जिसे 19 जून तक पूरा करना है।
बारिश की सीजन में बढ़ जाता है खतरा
बरसात की सीजन में लम्पी का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण पशुपालन विभाग ने मानसून की सीजन से पहले ही गोवंश को वायरस से सुरक्षित करने के लिए गाट पॉक्स वैक्सीन लगाने की शुरूआत कर दी है। जिससे लम्पी के संभावित खतरे से गोवंश को बचाया जा सके।
पिछले साल 2700 से अधिक गोवंश हुआ था शिकार
बाड़मेर जिले में पिछले साल लम्पी वायरस गोवंश पर कहर बनकर बरपा था। जिले में करीब एक लाख से अध्िाक पशु वायरस से ग्रसित हुए थे। वहीं विभाग के अनुसार 2735 पशु लम्पी के कारण मौत के शिकार हो गए। विभाग ने पिछले साल जिले में बीमारी को लेकर 9 लाख से अधिक गोवंश का सर्वे करवाया था।
बचाव के लिए वैक्सीनेशन अभियान
स्किन डिजीज लम्पी से बचाव के लिए जिले में गोवंश को गाट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है। पशुपालक अपने नजदीक किसी भी पशु चिकित्सा संस्थान से टीकाकरण करवा सकते है। बाड़मेर से लम्पी डिजीज जांच के लिए दो नमूने भेजे गए है। रिपोर्ट अभी आई नहीं है।
डॉ. विनयमोहन खत्री, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग बाड़मेर
Source: Barmer News