Posted on

एक सप्ताह के अंतराल के बाद लूनी नदी में पाली जिले की औद्योगिक इकाइयों से छोड़ा गया प्रदूषित पानी समाहित होने से किसानों की खुशियां काफूर हो गई हैं। पत्रिका टीम ने जब यहां का जायजा लिया तो ये हालात सामने आए। इस दौरान पता चला कि पिछले दो दिनों से इस प्रदूषित काले पानी का लूनी नदी में अधिक बहाव होने लगा है । अगर इस पानी की गति इसी प्रकार रही तो यह प्रदूषित पानी शीघ्र समदड़ी से आगे तक पहुंच जाएगा। ध्यान रहे कि अभी तक लूनी नदी में बहने वाले पानी में काले पानी की आवक कम थी। जबकि सुकड़ी नदी में बरसात के पानी का ही बहाव चल रहा था। इससे किसानों के चेहरे खिले-खिले नजर आने लगे थे।

किसान फिर परेशान

किसानों ने बताया कि लूनी नदी में बरसात के समय पाली जिले की बांडी नदी सहित नेहड़ा बांध के पानी की आवक रहती है। यह पानी धुंधाड़ा के पास लूनी नदी में प्रवेश करता है। अभी नदी में पानी का बहाव चल रहा है। इस बीच पाली जिले से आने वाला प्रदूषित पानी लूनी नदी में मिल चुका है। उन्होंने बताया कि इस प्रदूषित पानी का जिले के सीमांत गांव रामपुरा से लेकर अजीत तक लूनी नदी में फैलाव हो चुका है। नदी में काले पानी का बहाव देख कर किसान बहुत दुखी हैं।

हर साल आता है प्रदूषित पानी

काश्तकारों ने बताया कि पाली जिले के प्रदूषित पानी की यहां हर साल लूनी नदी में आवक होती रही है। जब भी बरसात होती है तो बरसाती पानी के साथ प्रदूषित पानी छोड़ दिया जाता है। प्रदूषित पानी की आवक से नदी किनारे कृषि कुओं की जल संपदा खराब हो रही है। इसका कृषि क्षेत्र पर प्रभाव पड़ रहा है, जो किसानों के लिए किसी पीड़ा से कम नहीं है।

इनका कहना है

हां, पाली जिले से लूनी नदी में हर साल प्रदूषित पानी आता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। अभी नदी में काले पानी का बहाव चल रहा है। इस कारण कृषि कुओं का पानी भी प्रदूषित हो जाएगा। किसान परेशान हैं।

– मांगीलाल चौधरी, किसान रामपुरा

राज्य सरकार किसान हितैषी नहीं है। पाली का प्रदूषित पानी लूनी नदी में डाल कर बाड़मेर जिले के किसानों को बर्बाद किया जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह प्रदूषित पानी यहां के कृषि क्षेत्र के लिए घातक साबित हो रहा है, जो चिंता का विषय है। इस पर रोक के लिए राज्य सरकार से बात की जाएगी।

– कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि मंत्री

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *