जोधपुर. जिले के रामनगर गांव में दम्पती, पुत्रवधू व मासूम को जिंदा जलाने का आरोपी पप्पूराम बेरड़ के परिजन और मृतक पूनाराम के बीच जमीन को लेकर विवाद है। वहीं, आरोपी पप्पूराम के भाई तेजाराम ने आठ माह पहले सूरत में आत्महत्या की थी। सूरत में चचेरे भाई हरीश उर्फ हरजीराम के रिश्तेदार भी रहते हैं। वह पप्पूराम व परिजन को आत्महत्या के बाद से उकसा रहा था कि उसने तेजाराम की हत्या करवाई है। ऐसे में परिजन को हत्या का अंदेशा है। हरजीराम के बार-बार उकसाने पर पप्पूराम ने उसे मारने की साजिश रची। आरोपी ने मंगलवार रात मोबाइल में गूगल पर हत्या के तरीके सर्च किए थे। क्राइम पेट्रोल का सीरियल भी देखा था। उसी से हत्या की साजिश रची थी और चाचा का पूरा घर उजाड़ दिया था।
विद्युत आपूर्ति बंद होने पर हत्याएं की
सुबह चार बजे ट्यूबवेल की विद्युत आपूर्ति बंद होने के बाद आरोपी कुल्हाड़ी लेकर चचेरे भाई की हत्या करने चाचा की ढाणी गया। हरजीराम मंगलवार रात ही चामूं में ट्यूबवेल पर चला गया था और वहीं सोया था। आरोपी को इसका पता नहीं था। चारपाई पर पूनाराम कम्बल ओढ़े सोए थे।उसे भाई हरजीराम समझ पप्पूराम ने गर्दन पर कुल्हाड़ी मार दी। चाचा की मौत हो गई। बाद में पता लगा कि वो भाई न होकर चाचा थे। इसके बाद उसने घर में मौजूद सभी की हत्या करना तय किया। पास में सो रही चाची पर कुल्हाड़ी से दो वार कर मार दिया। वह झोंपड़ी में गया, जहां भाभी धापूदेवी की गर्दन पर कुल्हाड़ी मार दी। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। तीनों शव घसीटकर झोंपड़े में बनी रसोई में ले गया और आग लगा दी थी। आखिर में मासूम भतीजी को जिंदा आग के हवाले कर दिया था।
मां को जाकर कहा, चाचा की ढाणी में आग लगी
चार हत्याएं कर आरोपी पप्पूराम अपने घर चला गया। मां जाग चुकी थी। उसने मां से कहा कि चाचा की ढाणी में आग लग गई है। फिर वह मौके पर भी आ गया था।
संदेह : न चोरी न लूट, छीना झपट्टी तक नहीं
झोंपड़ों में आग की लपटें उठने पर ग्रामीणों को वारदात का पता लगा था। सीओ ओसियां मदनलाल रॉयल, कार्यवाहक थानाधिकारी एसआइ भारमलराम व एएसआइ मुकेश मीणा मौके पर पहुंचे। झोंपड़ों में लोहे के बक्से, उनमें सोने-चांदी के जेवर व रुपए सुरक्षित मिले। दोनों मृतकाओं के शरीर पर जेवर पहले हुए थे। मोबाइल भी सही सलामत था। आरोपी ग्रामीणों से अलग बैठा था। उसके शरीर पर कुछ खरोंचों के निशान थे। जिससे उस पर संदेह हुआ। भोजासर थानाधिकारी इमरान खान व अपराध सहायक एसआइ बाबूराम डेलू ने पूछताछ की तो उसने वारदात स्वीकार कर ली। मृतक के पुत्र हरजीराम ने हत्या का मामला दर्ज कराया। सीओ मदनलाल रॉयल को जांच सौंपी गई है।
मोबाइल खोया तो तीस हजार रुपए वसूले, फिर मिल गया
कुछ समय पहले मृतक परिवार का मोबाइल खो गया था। पप्पूराम पर अंदेशा जताकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मोबाइल के बदले पप्पू से तीस हजार रुपए वसूल लिए थे। बाद में मोबाइल मिल भी गया था।
भाई के संतान नहीं, हिस्से की जमीन का विवाद
आइजी रेंज जयनारायण शेर का कहना है कि मृतक पूनाराम के चार भाई हैं। एक भाई के संतान नहीं है। जो पूनाराम के साथ ही रहता है। दूसरे भाइयों को अंदेशा है कि पूनाराम व परिवार इस भाई के हिस्से की जमीन हड़प लेंगे अथवा किसी को बेच देंगे। इसको लेकर दोनों पक्षों में वाद भी हुआ था, लेकिन फिर समझौता हो गया था।
मौके पर ही मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम
जिंदा जलने से मासूम मनीषा का शव पूरी तरह क्षत-विक्षत हो चुका था। दम्पती व पुत्रवधू के शव भी अध-जले हो गए थे। जिला कलक्टर की अनुमति से चिकित्सकों का बोर्ड गठित कर मौके पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया। फिलहाल परिजन व ग्रामीण मुआवजे की मांग को लेकर अंतिम संस्कार को तैयार नहीं हुए हैं।
एडीजी दिनेश एमएन ने की पूछताछ
प्रारम्भिक जांच में पप्पूराम बेरड़ की ही भूमिका सामने आई है। पुलिस को अंदेशा है कि हत्या की साजिश में उसके साथ और भी कोई शामिल हो सकता है। उसके मोबाइल व अन्य तरीकों से जांच की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक क्राइम दिनेश एमएन देर शाम जोधपुर पहुंचे, जहां से वे ओसियां थाने गए और आरोपी पप्पूराम से पूछताछ की। देर रात वो वारदातस्थल भी पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली।
देर रात तक मौके पर शव, परिजन-ग्रामीण धरने पर
रामनगर गांव के ग्रामीण और परिजन एक करोड़ रुपए आर्थिक सहायता, दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी और आरोपी की जमीन को गोचर भूमि घोषित करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। जिला कलक्टर व एसपी और अन्य अधिकारियों ने समझाइश की, लेकिन ग्रामीण नहीं मानें। देर रात एडीजी दिनेश एमएन भी मौके पर आए।
Source: Jodhpur