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जोधपुर।
सुरपुरा बांध की डिग्गी में डूबकर जान गंवाने वाले तीनों छात्र घनिष्ठ मित्र भी थे। तीनों छात्र दसवीं कक्षा तक साथ-साथ पढ़े थे। ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश करने पर तीनों ने अलग-अलग स्कूल में प्रवेश ले लिया था। तीनों छात्र बुधवार को स्कूल समय में घूमने के लिए सुरपुरा बांध पहुंचे थे, जहां डिग्गी में डूबकर तीनों ने साथ ही जान दे दी। पुलिस का कहना है कि एक मृतक के पास मोबाइल मिला है। दूसरे का मोबाइल बैग में था। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि डिग्गी के किनारे सेल्फी लेने के दौरान पांव फिसलने से एक छात्र पानी में गिर गया होगा और उसे बचाने के प्रयास में दो अन्य सहपाठी भी पानी में डूब गए होंगे।
सूत्रों के अनुसान महामंदिर क्षेत्र में कुसुम विहार कॉलोनी निवासी जयसिंह पुत्र मुरलीधर माली माता का थान में निजी स्कूल और गुजरावास में रामदेव नगर निवासी स्वरूपसिंह पुत्र लक्ष्मणसिंह बनाड़ रोड पर निजी स्कूल में 11वीं कक्षा के छात्र थे। जबकि मगरा पूंजला में राव वाला बेरा निवासी गौतम पुत्र लक्ष्मण माली मण्डोर के चैनपुरा में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ता था। पुलिस को अंदेशा है कि तीनों छात्र घर से स्कूल जाने के लिए बैग व पानी की बोतल आदि लेकर घर से निकले थे, लेकिन वे सुरपुरा बांध घूमने के लिए पहुंच गए थे।
शाम को तीनों छात्र के डूबने का पता लगने पर सहायक पुलिस आयुक्त मण्डोर पीयूष कविया, मण्डोर थानाधिकारी ईश्वरचंद पारीक व लालसागर चौकी प्रभारी एएसआइ ओमप्रकाश चौधरी भी मौके पर पहुंचे।
एक छात्र ने खोल रखी थी कमीज, अन्य ने पहने थे कपड़े
तीनों छात्र दो साइकिल लेकर सुरपुरा बांध आए थे। साइकिलेें स्टैण्ड में रखी थी। शाम तक साइकिल लेने नहीं पहुंचे तो स्टैण्ड संचालक को संदेह हुआ। उसने नौका चालकों को सूचित किया। चालक प्रवीण शर्मा, मांगीलाल, रामनिवास, भरत ने तलाश की तो डिग्गी के किनारे तीनों के बैग व जूते नजर आए। पास में चश्मे व पानी की बोतलें भी रखे हुए थे। एक बैग में मोबाइल था। उसी से परिजन को सूचित किया गया।
डिग्गी के किनारे फिसलन से हो रहे हादसे
नौकायन चालक व गोताखोरों का कहना है कि एक डिग्गी में नौकायन होती है। जबकि दूसरी डिग्गी में आवाजाही नहीं होती है। वहं डिग्गी के किनारे पर फिसलन भी है, जहां खड़े रहने पर पांव फिसलने का खतरा बना रहता है और इसी से हादसे होते हैं। पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था न होने से बांध पर घूमने आने वाले पानी के नजदीक तक चले जाते हैं। डिग्गी के किनारे लोहे की जाली या अन्य सुरक्षा बंदोबस्त नहीं हैं।

Source: Jodhpur

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