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बाड़मेर. रेगिस्तान में सर्दी बढऩे के साथ ही टिड्डी ने फिर हमला बोल दिया है। सोमवार को धोरीमन्ना एवं सेड़वा के इलाकों में बड़ी मात्र में पहुंची टिड्डियों ने रबी की फसल के खेतों में तबाही मचाकर रख दी। किसान टिड्डी नियंत्रण महकमे और प्रशासन के भरोसे संपर्क करते रहे लेकिन बड़ी मात्रा में आई टिड्डियां अब नियंत्रण में नहीं आ रही है। वयस्क टिड्डियों के हमले बाद विभाग ने भी कहा है कि यह असामान्य स्थिति है।

दो दिन पहले तक टिड्डी बॉर्डर के गांवों से लगातार आगे बढ़ते हुए सोमवार को सेड़वा के सोनड़ी, सदराम की बेरी, गुल्ले की बेरी, शोभाला, कुंदनपुरा, आलू का तला, गंगासरा, फागलिया, चितरोड़ी, सगरवाव, पनोरिया, भंवार, धोरीमन्ना क्षेत्र में राणासर कला तथा धनाऊ में पहुंची और देखते ही देखते फसलों को चौपट करने लगी।

बदहवाश हुए किसानों ने बर्तन, वाहन और जो जतन लगा उससे टिड्डियों को अपने खेतों से उड़ाने की कोशिश की तो दूसरे खेत में भर गई। हाथ पांव फूले किसानों की मदद करने वाला यहां कोई मजबूत पक्ष नहीं था। विभागीय वाहन यहां पहुंचे लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में हुए हमले के आगे बेबस थे। इन वाहनों में लगे हॉर्न, स्प्रे और अन्य प्रयास नाकाफी साबित हो रहे थे।

किसान जाग रहे है और दौड़ रहे है

फसल का चौपट होना किसानों के लिए कलेजा जला रहा है। वे रात-रातभर जागने लगे और हर कोई यह मालूम करने की जुगत में है कि यह आफत अब किधर से आ रही है। सर्दियों में जहां रात में न्यूनतम तापमान 7-8 डिग्री पहुंचा है वहां किसानों की नींद उड़ी है और वे टिड्डी हमले से आशंकित है।

जीरा खाते देख जीव जल रहा

किसानों ने इस वक्त जीरे की फसल की बुवाई की है जो सबसे नकदी है। जीरे को किसान वैसे भी मौसम की हर मार से बचाकर मुश्किल से रख पाते हैं। एेसे में एक साथ हुए हमले से किसानों के सामने जीरा चट हो रहा है।
अब गाडिय़ों के हॉर्न से भगाने के प्रयास

किसान काफी दिनों से कनस्तर और थाली बजाकर टिड्डी को खेतों से भगा रहे थे। लेकिन अब टिड्डी खेतों में बड़ी संख्या में फैल गई है, इसके चलते बाइक पर प्रेशर हॉर्न लगाकर टिड्डियों को बाहर निकालने की कोशिश में दिन-रात जुटे हैं।

पहली बार केमिकल के ड्रम लेकर गए साथ

बाड़मेर में टिड्डी के बड़े हमले को देखते हुए टिड्डी नियंत्रण संगठन की ओर से सात टीमों को अलग-अलग क्षेत्रों में नियंत्रण के लिए लगाया गया। टीमें तड़के तैयार होकर करीब 6 बजे प्रभावित गांवों में पहुंच गई। यह पहला मौका था जब केमिकल मेलाथियन के ड्रम भरकर अधिकारी साथ ले गए।

यह काफी बड़ा हमला था

बाड़मेर में 15 दिसम्बर के बाद आई टिड्डी वयस्क है, जो काफी नुकसानदेह मानी जाती है। टिड्डी हमला नवम्बर के शुरू होने तक ही रहता है। लेकिन इस बार दिसम्बर में तेज सर्दी में टिड्डी का लगातार आना असामान्य स्थिति है।

– केवी चौधरी, प्लांट प्रोटेक्शन अधिकारी, टिड्डी नियंत्रण संगठन बाड़मेर

Source: Barmer News

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