जोधपुर। प्रदेश में सोमवार को 19 नए जिले स्थापित होने के साथ ही जयपुर और जोधपुर जिले में जिला परिषद का अस्तित्व खत्म हो गया है। नए बने जोधपुर और जयपुर जिले में केवल नगरीय निकाय सीमा होने की वजह से अब नवीन जिला परिषद का गठन नहीं होगा, हालांकि संवैधानिक संस्था होने की वजह से वर्तमान में कार्यरत जिला परिषद अपना कार्यकाल पूरा करेगी। ऐसे में लीला मदेरणा जोधपुर और रमा देवी चौपड़ा जयपुर की अंतिम जिला प्रमुख होंगी।
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक फैसले से आम जनता को लगा बड़ा झटका, जानिए कैसे
राज्य सरकार ने जोधपुर जिले का विभाजन तीन जिलों जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण और फलोदी में कर दिया है। वहीं जयपुर को चार जिलों जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दूदू, कोटपुतली-बहरोड में विभाजित किया है। नवीन बने जोधपुर और जयपुर जिले में केवल नगर निगम का क्षेत्र आ रहा है। नगरीय निकाय क्षेत्र में पंचायती राज अधिनियम लागू नहीं होता है।
यह भी पढ़ें- IMD Alert: इस दिन अपनी रफ्तार पकड़ेगा मानसून, जमकर गरजेंगे बादल और गिरेगी बिजली, रहें सावधान
अधिकतम 48 जिला परिषद बनेंगी
राजस्थान में अब 50 जिले हो गए हैं। जयपुर और जोधपुर को छोड़कर शेष 48 जिलों में ग्रामीण क्षेत्र भी आ रहा है। ऐसे में अधिकतम 48 जिला परिषद बनने की संभावना है। जिला परिषद के गठन के लिए ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या न्यूनतम 4 लाख होना अनिवार्य है। दूदू, नीम का थाना, सलूम्बर सहित कुछ जिलों की ग्रामीण जनसंख्या चार लाख से कम होने की संभावना है। राजस्व विभाग की ओर से जनसंख्या का संभावित डाटा जारी करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
पंचायती राज अधिनियम केवल ग्रामीण क्षेत्र पर ही लागू होता है। नए बने जयपुर व जोधपुर जिले में जिला परिषद नहीं बनेगी।
डॉ. दिनेश गहलोत, संविधान विशेषज्ञ, जेएनवीयू, जोधपुर
Source: Jodhpur