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समदड़ी। बरसात की राह देख रही खेतों में खड़ी खरीफ की फसलें अब जलने के कगार पर हैं। बारिश हुए एक महीना बीत चुका है और किसान आसमान पर टकटकी लगाए बेसब्री से बरसात का इंतजार कर रहे हैं। इससे किसानों की मेहनत की गाढ़ी कमाई बेकार जाती हुई नजर आ रही है। एक पखवाड़े में बरसात नहीं हुई तो किसानों की हालत खराब हो जाएगी। किसानों ने बताया कि बरसात हुए एक महीना बीत चुका है। लंबा समय बीतने से एक महीना पहले खेतों में लहलहाने वाली खरीफ की फसलें अब जवाब देने लगी हैं। फसल पकने का समय पूरा व बरसात न होने पर फसलें जलने लगी हैं।

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हवाओं ने भी नुकसान पहुंचाया
काश्तकारों ने बताया कि बारिश में देर होने से फसलें पहले से ही बढ़ नहीं रही थीं। इस बीच बार-बार हवाओं का रुख बदलने के साथ तेज झौंके चलने से फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो गई हैं। बाजरा व मूंग, मोठ व तिल आदि फसलें जलने लगी हैं। इससे किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है। हालत यह है कि पचास प्रतिशत फसलें जल चुकी हैं। समदड़ी क्षेत्र में इस वर्ष बाजरा 22050, ज्वार 1750, मोठ 650, मूंग 14400, तिल 2560 व ग्वार 1650 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। अब अगर सप्ताह भर में बरसात नहीं हुई तो आधी से अधिक उपज प्रभावित होगी। इससे किसानों को इसका सीधा नुकसान होना तय है।

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बरसात में देर हो रही है । फसल में दाना बनने के समय बरसात की कमी रहने से दाने कम बनते हैं। इससे फसलों की उत्पादन क्षमता प्रभावित होगी और किसानों को नुकसान होगा।
– दूदाराम बारूपाल, सहायक कृषि अधिकारी, समदड़ी

Source: Barmer News

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