जोधपुर। चुनावी माहौल में अब आमजन को आचार संहिता का डर सताने लगा है। हर कोई आचार संहिता लगने से पूर्व ही अपने कार्य को निष्पादित करने के लिए इन दिनों नगर निगम और जेडीए के चक्कर काट रहा है। बताया जा रहा है कि अक्टूबर माह में आचार संहिता लगने की संभावना है। इसी बीच लंबे समय से अपने घरों का पट्टा लेने के साथ ही भू-उपयोग परिवर्तन करवाने और बिल्डिंग परमिशन लेने के लिए निगम और जेडीए कार्यालय के चक्कर काटने वालों को अब आचार संहिता का डर सताने लगा है। हर कोई इस बात को लेकर परेशान हैं। प्रशासन शहरों के संग अभियान के खत्म होने के बाद उन्हें छूट का फायदा नहीं मिलेगा। इसके चलते इन दिनों निगम कार्यालय में भीड़ नजर आ रही है।
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भवन निर्माण की अटकी 65 पत्रावलियां
भू-उपयोग परिवर्तन की पत्रावलियों के साथ ही नगर निगम उत्तर और दक्षिण को मिलाकर करीब 65 पत्रावलियां भवन निर्माण परमिशन की अटकी हुई है। हालांकि भवन निर्माण की परमिशन देने का कार्य ऑनलाइन हो चुका है। इस कारण से पेडेंसी कम है। जानकारों के अनुसार नगर निगम में करीब 300 भू-उपयोग परिवर्तन की पत्रावलियां अटकी हुई है। इनमें से दक्षिण नगर निगम की करीब 250 पत्रावलियां लंबित है। बताया जा रहा है कि भू-उपयोग परिवर्तन करने के लिए होने वाली बैठक 2-3 दिन से अटकी हुई है। बैठक होने के बाद अधिकांश पत्रावलियों का निस्तारण होगा। इधर, उत्तर नगर निगम में भी भू उपयोग परिवर्तन की करीब 50 पत्रावलियां अटकी हुई है।
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प्रदेश का पहला एच शेप का रेल ओवरब्रिज
पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के नाम पर 75 करोड़ में तैयार देश का दूसरा व प्रदेश का पहला एच आकार का रेल ओवरब्रिज। आरटीओ फाटक पर तैयार हुए इस ब्रिज का कार्य पांच साल पहले शुरू हुआ। जोधपुर की जनता को इस ब्रिज से यातायात शुरू होने से भारी ट्रैफिक दबाव से मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इंतजार में इस एच आकार के रेल ओवरब्रिज का उद्घाटन अभी तक बाकी है।
कन्वेंशन सेंटर
जोधपुर में राजस्थान का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। 40 बीघा में करीब 90 करोड़ से तैयार हो रहे कन्वेंशन सेंटर में 500 लोगों के ठहरने के साथ ही लगभग 1541 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। सेंटर में बड़ी कॉन्फ्रेंस के साथ ही कल्चरल प्रोग्राम भी होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी 10 सितम्बर को अपने अल्प प्रवास के दौरान यहां विजिट की थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री के इंतजार में कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन भी अटका हुआ है।
वेस्ट टू वंडर पार्क
जोधपुर शहर में अपनी तरह का अनूठा पार्क अब तैयार है। पार्क में सारे वेस्ट प्रोडक्ट और कबाड़ का उपयोग ही किया गया है। सुरपुरा बांध के पास बना यह पार्क राजस्थान का पहला वेस्ट टू वंडर पार्क है। इसे दिल्ली और चंडीगढ़ के वेस्ट टू वंडर पार्क की तर्ज पर बनाया गया है। पार्क में लगने वाले सभी स्कल्पचर कबाड़ से बनाए गए है। यहां आकर्षक तौर पर स्टेप गार्डन भी बनाया गया है। जोधपुर में बने वेस्ट टू वंडर पार्क में 10 टन लोहे का उपयोग किया गया है। इससे 36 अलग-अलग प्रकार की आकृतियां बनाई गई है।
Source: Jodhpur