अमित दवे, जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर में उनकी पार्टी के दबदबे को कमजोर करने में भाजपा की वरिष्ठ नेता सूर्यकांता व्यास का भी नाम है। करीब 86 वर्षीय व्यास, जो जीजी नाम से लोकप्रिय है, का राजनीतिक सफर भी दिलचस्प रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेविका संघ से जुडक़र समाजसेवा का कार्य करने वाली जीजी का राजनीतिक सफर लंबा है।
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प्रदर्शन पर खुश हुए गुरुजी
1970 के दशक में महिलाओं के घर से निकलने पर काफी पाबंदियां होती थी। घर का चूल्हा-चौका, गृह कार्य, परंपराओं का निवर्हन ही महिलाओं का जीवन था। ऐसे समय में जीजी संघर्ष करती थी। बात 1965 की है उस समय राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, गुरुजी जोधपुर प्रवास पर थे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेविका व जनसंघ की सदस्य जीजी पानी की समस्याओं के विरोध के लिए अपने साथ केवल 5 महिलाओं को लेकर निकली, जिन्हें भी वह बहुत समझा-बुझाकर लाई थी। जीजी ने उस समय कलक्ट्रेट के बाहर पांच महिलाओं के साथ मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया। शाम को जब वे गुरुजी से मिलने गई व घटना बताई, तो गुरुजी को आश्चर्य हुआ। साथ ही, वे प्रसन्न हुए कि महिलाओं में समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत आ गई।
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शुरू हुआ राजनीति सफर
इस घटना के बाद जीजी का राजनीतिक सफर हुआ। जीजी 1972 में पहली बार नगर परिषद सदस्य बनी। इसके बाद जीजी भाजपा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा प्रदेशाध्क्ष बनी। 1990-92 में नवीं विधानसभा में पहली बार विधायक बनी। जीजी अब तक दो बार पार्षद व छह बार विधायक रह चुकी है। वहीं, भाजपा संगठन में विभिन्न उच्च पदों पर रह चुकी है।
Source: Jodhpur