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जोधपुर। पशुओं के उपचार और टीकाकरण के लिए पशुपालन विभाग की ओर से की जा रही पशु मित्रों की नियुक्ति में कथित तौर पर गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि वरीयता सूची को दरकिनार कर कई चहेतों की भर्ती कर ली गई है। कुछ ऐसे अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दी गई है जो मूल रूप से उस गांव के निवासी नहीं है।

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मामले की शिकायत जोधपुर के अतिरिक्त निदेशक को मिलने के बाद जांच शुरू की गई है। राज्य सरकार की ओर से बजट घोषणा 2023-24 में पशुपालकों को उनके घर के निकट पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नई पहल के तौर पर पशु मित्र भर्ती की घोषणा की गई थी। पूरे प्रदेश में 5 हजार पशु मित्र लगाए जा रहे हैं। जिला स्तर पर भर्ती प्रक्रिया हो रही है। जोधपुर के अलावा भी अन्य जिलों से भर्ती में फर्जीवाड़े की खबरें आ रही है। चूरू, अलवर और बांसवाडा जिलों में चयन सूची को रद्द करने के समाचार है। जोधपुर जिले में 250 पदों के लिए पशु मित्र की नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए वरियता सूची तैयार की गई है लेकिन अभ्यर्थी इसमें गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं।

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केस-1
अभ्यर्थी राजूराम के 88 फ़ीसदी अंक होने के बावजूद 76.9 फीसदी वाले को नियुक्ति दी गई।

केस-2
उस्तरा ग्राम पंचायत में मूल अभ्यर्थी की जगह दूसरे गांव के अभ्यर्थी को लगाने की शिकायत है।

केस-3
रामदयाल के 80 फ़ीसदी अंक होने के बावजूद 70त्न वाले अभ्यर्थी का चयन करने का आरोप है।

केस-4
श्रवण के 74 फीसदी अंक है, उसके स्थान पर 71.9 प्रतिशत वाले अभ्यर्थी का चयन हुआ है।

केस-5
प्रियंका के 77 फीसदी अंक है। चयन 70 फ़ीसदी वाले अभ्यर्थी का हुआ है।

Source: Jodhpur

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