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बाड़मेर जिला अस्पताल की इमरजेंसी (आपतकालीन वार्ड) को शिफ्ट करने की कवायद अटक गई है। फिलहाल इसे पुराने परिसर में नहीं लाया जाएगा। इसके चलते अभी गंभीर मरीजों को कोई राहत नहीं मिल पाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एमआरएस की बैठक में अस्पताल के पीछे की तरफ संचालित इमरजेंसी को पुन: पुराने परिसर में उसी स्थान पर लाने का फैसला हुआ था।
अस्पताल की इमरजेंसी को जब नए स्थान पर शिफ्ट किया गया था, उस समय भी काफी विरोध हुआ था। बावजूद जगह बदलकर पुराने परिसर से पीछे की तरफ ले गए। इस दौरान मांग भी हुई और बताया गया था कि गंभीर मरीजों को पीछे की तरफ ले जाने में दिक्कत होगी। यहां अस्पताल के मुख्य गेट के पास इमरजेंसी होने से मरीजों को काफी राहत थी। बावजूद प्रबंधन ने शिफ्ट कर दिया था।
अब फिर से पुराने स्थान पर लाने की कवायद
इमरजेंसी वार्ड को फिर से पुराने परिसर में लाने की कवायद शुरू हुई। एमआरएस की बैठक में फैसला हुआ कि इमरजेंसी को शिफ्ट किया जाए। अब शिफ्ट करने से पहले पुराने परिसर को कुछ बड़ा करने की जरूरत महसूस हुई। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने सर्वे करवाया, जिससे पास के कक्ष भी इसमें शामिल हो जाए। पीडब्ल्यूडी ने सर्वे तो कर लिया लेकिन निर्माण कार्य का एस्टीमेट नहीं दिया। इस दौरान चुनाव की घोषणा हो गई। अब यह काम अटक गया।
मरीजों के साथ परिजन भी परेशान
अस्पताल में जब से इमरजेंसी पुराने परिसर से शिफ्ट हुई तब से गंभीर मरीज और परिजनों की परेशानी बढ़ गई। इमरजेंसी वार्ड से सीटी स्कैन और एक्स-रे जांच के लिए मरीजों को लेकर आने में भारी दिक्कत होती है। अस्पताल का करीब-करीब पूरा चक्कर लगाना पड़ता है। जबकि इमरजेंसी जब पुराने परिसर में थी तो सीटी स्कैन सेंटर और एक्स-रे कक्ष दोनों पास में थे और गंभीर घायलों की जांच भी आसानी से हो जाती थी।
छोटा पडऩे लग गया इमरजेंसी वार्ड
इमरजेंसी वार्ड में कुल आठ बेड लगे है, जो पर्याप्त नहीं है। पिछले दिनों एक ही दिन में कुछ घंटों के बीच दो बड़े हादसे हो गए। गंभीर घायल एक साथ 35 से ज्यादा पहुंचने पर अव्यवस्था फैल गई। आठ बेड पर इतने मरीजों का उपचार भी संभव नहीं है। इस तरह की स्थितियां बड़े हादसे होने पर सामने आने के बाद इमरजेंसी वार्ड को फिर से पुराने परिसर में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया।
दिसम्बर में शिफ्टिंग हो पाएगी
इमरजेंसी वार्ड को पुराने परिसर में शिफ्ट करना है। वार्ड को बड़ा करने के लिए पास के कक्ष शामिल करने के लिए पीडब्ल्यूडी से सर्वे करवाया गया था। लेकिन विभाग सेे एस्टीमेट नहीं मिला। इस बीच चुनावों की घोषणा हो गई। अब यह काम दिसम्बर महीने में हो पाएगा।
-डॉ. बीएल मंसूरिया, अधीक्षक राजकीय अस्पताल बाड़मेर

Source: Barmer News

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