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Barmer: Farming: Weather Update: पिछले एक महीने के दौरान मतीरे के बीज की कीमतों में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई है। इससे किसानों व स्टाॅकिस्ट कारोबारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। इधर एक महीने में हुई प्रति क्विंटल 8 हजार रुपए से अधिक की बढ़ोतरी से इनकी बांछें खिल गई हैं। जानकारी के अनुसार मतीरे के बीज के अब तक के रिकार्ड भाव होने से किसानों को अतिरिक्त आय के रूप में जहां अच्छी आमदनी हो रही है। वहीं स्टाॅकिस्ट कारोबारियों की घाटे की भरपाई पूरी होने के साथ हुई अच्छी आमदनी से इन दिनों ये भी अधिक खुश हैं। खरीफ फसल में किसान बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार, तिल व जौ की मुख्य रूप से बुवाई करते हैं। फल खाने के लिए इन फसलों के साथ ही मतीरा की कुछ बुवाई करते हैं। किसान कच्चे मतीरे की सब्जी बनाते हैं तो यह पकने पर फल के रूप में खाते हैं। पौष्टिकता से भरपूर होने पर किसान खेतों में कृषि कार्य के दौरान फुर्सत मिलने पर यह खाते हैं। इससे हर कहीं इसकी मांग अधिक रहती है। किसान मतीरे के बीज सुखा कर स्थानीय बाजार में बेचते हैं। इससे इन्हें अतिरिक्त आय होती है।

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मतीरे के भाव रिकार्ड ऊंचाई पर

कृषि कारोबारियों के अनुसार दो वर्ष पहले मतीरे के बीज के भाव अधिकतम 4 हजार से 6500 रुपए प्रति क्विंटल थे। इस वर्ष एक महीने पहले भाव प्रति क्विंटल 20 से 21 हजार रुपए प्रति क्विंटल थे, लेकिन इस वर्ष कमजोर उपज व मांग अधिक होने से एक महीने में कीमत में प्रति क्विंटल 8 हजार रुपए बढ़ोतरी हुई है। बाजार में इन दिनों 28000 हजार रुपए प्रति क्विंटल कीमत में बीज बिक रहा है।

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इस वर्ष कम बरसात से आधी फसल

जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश में हर मानसून में 3.50 लाख क्विंटल मतीरे के बीज की उपज होती है। इस वर्ष कम बरसात से आधी ही फसल हुई। मिठाई,दवा, आइसक्रीम व सब्जी आदि बनाने में मतीरा मगज काम आने पर इसकी मांग अधिक है। सूडान में इसकी सर्वाधिक खेती होती है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसके आयात पर रोक लगा रखी है। इस पर कीमताें में रिकार्ड हुई बढ़ोतरी से किसानों ,स्टाॅकिस्ट कारोबारियों की मौज हो गई है।

 

Source: Barmer News

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