- मौसमी बीमारियां: बच्चों में बढ़ रहे निमोनिया के मामले
- मरीजों पर इंतजार पड़ रहा भारी
- थार में अचानक बदले मौसम के बाद अस्पतालों में मरीजों की भरमार है। बाड़मेर के राजकीय मेडिकल कॉलेज सम्बद्ध जिला अस्पताल की ओपीडी 3000 के आंकड़े को पार कर गई। ओपीडी में आने वाले प्रत्येक 100 में से 80 रोगी सूखी खांसी से पीडि़त है। गले में दर्द और बुखार पीडि़त भी काफी अधिक आ रहे हैं। ओपीडी में उपचार के लिए रोगियों को लम्बा इंतजार करना पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ बच्चों में निमोनिया के मामले भी लगातार बढ़े है।
बाड़मेर जिले में मौसमी बीमारियों का प्रकोप थम नहीं रहा है। पहले मलेरिया ने कहर बरपाया और फिर डेंगू का दंश मरीजों को अभी तक पीड़ा दे रहा है। हालांकि अब असर कुछ कम हुआ है। इस बीच सूखी खांसी से ग्रस्त मरीजों की अस्पतालों में भरमार हो गई है। ओपीडी की कतारें लम्बी होती जा रही है।
युवाओं में खांसी के मामले अधिक
पिछले 7-8 दिनों से युवाओं में खासकर खांसी के मामलों की अधिकता सामने आई है। चिकित्सक डॉ. थानसिंह बताते है कि 20-30 साल के बीच के युवाओं में सूखी खांसी का रोग काफी बढ़ा है। ओपीडी में आने वाले मरीजों में बजुर्गों के अलावा युवा काफी ज्यादा है। छात्रावास व बाहर रहकर पढऩे वाले छात्र चपेट में आ रहे हैं। खांसी के उपचार में भी काफी दिन लग रहे है।
बढ़ गई ओपीडी, भरे पड़े है वार्ड
जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। राजकीय अवकाश के दिन भी सामान्य ओपीडी 2 बजे बाद तक चल रही है। वहीं ओपीडी का समय खत्म हो जाता है तो इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की लाइन लग रही है। भर्ती होने वाले मरीज भी काफी बढ़े है। इसके कारण वार्ड भरे पड़े है। सांस में तकलीफ के साथ एक्स-रे में फेंफड़ों में भी काफी रोगियों के संक्रमण के केस मिले है, जिन्हे चिकित्सक भी काफी चिंताजनक मान रहे है। फेफड़ों के संक्रमण से ग्रस्त तीन रोगी एक दिन पहले ही भर्ती हुए है।
निमोनिया और पेटदर्द के केस आ रहे
मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई की ओपीडी में आ रहे निमोनिया पीडि़त बच्चों की संख्या बढ़ी है। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित शांडिल्य ने बताया कि निमोनिया के लक्षण वाले बच्चे आए है। दो दिनों से पेटदर्द की शिकायत भी बच्चों में बढ़ी है। कुछ दिनों से बच्चों में बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
हर जगह कतार और इंतजार
मरीजों की संख्या बढऩे के कारण अस्पताल में पर्ची से लेकर दवा तक इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल में पर्ची के लिए तीन-चार काउंटर है, लेकिन यहां सभी काउंटर पर कतारें लगी रहती है। इसी तरह ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने के बाद जांच के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। आखिर में दवा के लिए भी फिर कतार में लगना मरीजों पर भारी पड़ रहा है। कई मरीज तो अपनी बारी के इंतजार में लाइन में ही बैठ जाते हैं।
कतारों के कारण कहां कितना लग रहा समय
15-20 मिनट पर्ची काउंटर
20-25 मिनट चिकित्सक परामर्श
30-35 मिनट सैम्पल देने में
25-30 मिनट एक्स-रे व सोनोग्राफी
4-5 घंटे में नमूने की रिपोर्ट
15-20 मिनट दवा काउंटर
( ओपीडी के पीक ऑवर्स में)मौसमी बीमारियों के आंकड़े
मलेरिया : 961
डेंगू : 587
Source: Barmer News