Ravindra Singh Bhati News: इस उम्र में अमूमन लड़के बेरोजगारी से जंग लड़ते देखे जाते है। नौकरी के आवेदन करते हुए यह कहते सुने जाते है, यार जॉब कब लगेगी? फिक्र इस बात की कि अब तो काम पर लगना ही होगा? आस-पड़ौस और नाते-रिश्तेदार पूछते आजकल क्या कर रहा है? पर राजस्थान के चुनावों में एक 26 साल का लड़का या यूं कहें लड़ाका है जिसके बागी तेवर विधानसभा 2023 के चुनाव में फिर उसके सिर ताज ले आए है।
जिक्र शिव से निर्दलीय (भाजपा से बागी) रविन्द्रसिंह भाटी का है। प्रदेश की सर्वाधिक रोचक, रोमांचक और सबकी जिज्ञासा की सीट शिव बनी है तो इसकी वजह यह युवक है। असल में, रविन्द्र चार साल पहले जोधपुर युनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनावों में उस वक्त चर्चा में आया जब एबीवीपी से टिकट नहीं मिली तो बागी हो गया और निर्दलीय चुनाव लड़ा। ठेट देसी अंदाज, युवा तुर्क की छवि और अपने अंदाज के इस युवा की चुनाव कैम्पेनिंग से लेकर जीत तक ने एक अलग छाप छोड़ दी।
यह लड़का नहीं लड़ाका बनकर सामने था..जीत के बाद सरकार के खिलाफ बार-बार तेवर दिखाकर छात्र राजनीति का हीरो बनने लगा। सोशल मीडिया ने देश के कोने-कोने में फैन फॉलोशिप बढ़ा दी। दूसरा चुनाव में रविन्द्र प्रत्याशी नहीं था लेकिन अपने पक्ष के एक युवा को खुद के दमखम पर जीताकर ले आया। अब, रविन्द्र छात्र राजनीति में देश के चर्चित चेहरों में आ गया। जैसी उम्मीद थी वैसा हुआ औैर यह 26 साल का लड़का अपने गांव दूधोड़ा की विधानसभा शिव पहुंच गया और यहां से विधानसभा 2023 का चुनाव लडऩे की ठान ली।
चुनावों से ठीक पहले भाजपा ज्वाइन की, इस उम्मीद के साथ कि उसे टिकट मिलेगा। ज्वाइनिंग के 48 घंटे बाद ही उसको टिकट नहीं मिला। रविन्द्र की तकदीर के साथ चल रही बगावत फिर उसके सामने मुस्करा रही थी। उसने इशारा किया और हो गया फिर बागी.., निर्दलीय चुनाव। यूथ फैन फोलोवर्स की नजर देशभर से उसके ऊपर टिक गई और शिव का चुनाव दिलचस्प बन पड़ा।
नतीजों की सुबह जल्दी यह सबसे पहले मतदान केन्द्र पर पहुंच गया। ऐसा अमूमन कोई प्रत्याशी तो नहीं करता। जीत का आंकड़ा पहले 16 राउंड तक 30 हजार से पार पहुंच गया। एकतरफा वोट खींचे औैर फिर वापस गणित बदली लेकिन अंत में 3950 वोटों से जीत गया। फिर एक बार बगावत के सिर पर ताज पहनाकर निकला यह 26 साल का बागी… वाकई यह लड़का है लड़ाका।
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Source: Barmer News